सीलिंग की प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर
दिल्ली उच्च न्यायालय में एनडीएमसी और एमसीडी के अनधिकृत निर्माण सीलिंग के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि सीलिंग आदेश की प्रति प्रभावित व्यक्ति को नहीं दी जाती है, जिससे उनके...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की अनधिकृत निर्माण सीलिंग नियमों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि परिसर को सील करने से पहले सीलिंग आदेश की एक प्रति प्रभावित व्यक्ति को दी जानी चाहिए। याचिका के मुताबिक, इसके अतिरिक्त अपीलीय प्राधिकारी और अपील दायर करने के लिए 30 दिन की अवधि का विवरण शामिल करने की आवश्यकता है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमित साहनी ने कहा कि नियमों में विसंगति के कारण संबंधित अधिनियम के तहत पारित अंतिम सीलिंग आदेश की प्रति परिसर को सील करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को प्रदान नहीं की जाती है। यह प्रक्रिया प्रभावित व्यक्ति को वैधानिक उपाय का लाभ उठाने के अवसर से वंचित करती है। याचिका में कहा गया है कि इसका नतीजा मालिक/कब्जाधारक अक्सर आश्चर्यचकित हो जाते हैं, क्योंकि परिसर को सील कर दिया जाता है। सीलिंग होने के बाद ही आदेश की सूचना दी जाती है। सीलिंग आदेश की तामील किए बिना परिसर को सील करने व प्रभावित व्यक्ति को उनके वैधानिक अधिकारों से वंचित करने की प्रथा शक्ति का मनमाना उपयोग है। यह गैरकानूनी व असंवैधानिक दोनों है।
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