दिल्ली में यातायात सुधार के लिए समिति गठित
लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा जाम मुक्त दिल्ली को लेकर हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस और विशेषज्ञों की समिति के गठन दिया आदेश

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। राजधानी की सड़कों को जाम मुक्त बनाने के लिए शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। इसमें जाम मुक्त, सुरक्षित यातायात के लिए एक समिति के गठन का फैसला किया गया। यह समिति हर महीने अपनी रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा को सीधे भेजेगी। मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस के अलावा यातायात प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। इसमें विशेषज्ञों ने व्यस्ततम चौराहों में शामिल मेटकॉफ हाउस, किंग्सवे कैंप, आजादपुर और मधुबन चौक पर बेहतर यातायात को लेकर अपनी योजना रखी।
प्रवेश वर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल सड़कों की मरम्मत या निर्माण नहीं, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था को एक नया मॉडल बनाना है। मंत्री ने विभागों से अपील की है कि वे मिलकर काम करें, समयबद्ध तरीके से योजनाएं बनाएं और तय समय में लागू करें। ट्रैफिक प्रबंधन के लिए आम लोगों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। समिति की अगली बैठक 15 मई को बुलाई गई है, जिसमें पहले प्रस्तुत किए गए योजनाओं की समीक्षा के साथ अन्य जाम प्वाइंट्स को लेकर चर्चा होगी।
538 स्थलों की सूची पीडबल्यूडी को दी
बताते चलें कि ट्रैफिक पुलिस ने बैठक में 538 स्थलों की सूची पीडबल्यूडी को दी है, जिनमें सुधार की आवश्यकता है। यह सभी स्थान या सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। इस सूची पर गठित नई समिति प्राथमिकता के आधार पर काम करेगी। समिति ही व्यावहारिक समाधान सुझाव देगी, जैसे अतिरिक्त यू-टर्न बनाना, फुटओवर ब्रिज बनाना, सिग्नल की टाइमिंग बदलना या सड़कों की चौड़ाई में बदलाव करना। यह समिति हर महीने बड़े और प्रमुख ट्रैफिक प्वाइंट्स पर चर्चा कर अपनी सिफारिशें मंत्री के समक्ष रखेगी।
गठित समिति का प्रमुख उदेश्य
ट्रैफिक जाम में कमी : भीड़भाड़ वाले इलाकों की पहचान कर वहां सड़क चौड़ीकरण, यू-टर्न सुधार, रि-डिजाइन।
डेटा आधारित निर्णय : ट्रैफिक फ्लो, वाहन गति और वाहनों के आंकड़ों के आधार पर योजनाएं बनाना।
सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना : दुर्घटनाग्रस्त इलाकों की पहचान कर वहां ज़ेब्रा क्रॉसिंग, रंबल स्ट्रिप्स और चेतावनी संकेतक लगाना।
बेहतर रूट प्लानिंग : वैकल्पिक मार्गों को विकसित करना ताकि अधिक ट्रैफिक दबाव वाले रूट्स पर वाहन कम किए जा सके।
सिग्नल सिस्टम को बेहतर बनाना : ट्रैफिक लाइट्स की टाइमिंग को ट्रैफिक के अनुसार ऑटोमैटिक करना और सभी सिग्नलों को एक नेटवर्क से जोड़ना।
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