कुपोषित और धूम्रपान करने वालों में टीबी का खतरा ज्यादा
-कुपोषित बुजुर्गों में खतरा 3.5 गुना अधिक -महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में 2.5 गुना

चेन्नई, एजेंसी। कुपोषित और धूम्रपान करने वालों में तपेदिक (टीबी) का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कहीं अधिक होता है। तमिलनाडु सरकार और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के संयुक्त सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है, जिसमें 1.3 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि कुपोषण और धूम्रपान करने वाले बुजुर्गों में टीबी के मामले तीन गुना ज्यादा थे। विशेष रूप से, कुपोषित बुजुर्गों में टीबी का खतरा 3.5 गुना अधिक था, जबकि धूम्रपान करने वालों में यह खतरा दो गुना ज्यादा पाया गया। टीबी के मामलों में पुरुषों की संख्या भी अधिक थी, जहां पुरुषों में टीबी का खतरा महिलाओं के मुकाबले 2.5 गुना अधिक था। भारत ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन यदि कुपोषण और धूम्रपान जैसे जीवनशैली के कारकों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इस लक्ष्य को प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
भारत और दुनिया में स्थिति
1.08 करोड़ लोगों को टीबी हुई दुनिया में 2023 में
इनमें से 28 लाख मरीज सिर्फ भारत में सामने आए
12.5 लाख लोग टीबी के कारण मृत्यु का शिकार हुए दुनिया में
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