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भाजपा के अगले मिशन में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल

भाजपा अब पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल पर ध्यान केंद्रित कर रही है। अगले साल इन चार राज्यों में चुनाव होने हैं। बिहार में जीत से भाजपा का मनोबल बढ़ा है और वह ममता बनर्जी के गढ़ को चुनौती...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 20 Feb 2025 10:31 PM
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भाजपा के अगले मिशन में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल

रामनारायण श्रीवास्तव नई दिल्ली। हरियाणा, महाराष्ट्र और अब दिल्ली, अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परिस्थितियों में और अलग-अलग राजनीतिक समीकरणों के साथ बड़ी जीत हासिल करने वाली भाजपा की नजर अब अपनी सत्ता की पहुंच से दूर चार राज्यों पर है। इनमें पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल शामिल है। तेलंगाना को छोड़कर बाकी तीन राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं। तेलंगाना का चुनाव दूर है, लेकिन भाजपा उसे भावी रणनीति में सबसे बेहतर संभावनाओं वाला राज्य मानकर चल रही है।

लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए और भाजपा नेतृत्व को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। हालांकि, कुछ माह बाद एनडीए और भाजपा दोनों ने न केवल अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ दिखाई, बल्कि विरोधियों के हौसले भी पस्त किए। भाजपा ने हरियाणा में विपरीत माहौल में बड़ी जीत दर्ज की तो महाराष्ट्र में उसके गठबंधन ने विपक्षी गठबंधन को तार-तार कर दिया। इसके बाद दिल्ली में कड़े मुकाबले वाली जीत को उसने अपनी बड़ी और आसान जीत में तब्दील किया।

अपनी रणनीति और कारगर होने की उम्मीद

अगला चुनाव बिहार का है, जो साल के आखिर में होना है। उसके लिए गुरुवार को दिल्ली में समूचे एनडीए ने एकजुट होकर चलने का संकल्प लिया। चूंकि एनडीए नेताओं ने आने वाले अन्य चुनाव भी एकजुट होकर मजबूती से लड़ने का संकल्प लिया है, इसलिए भाजपा को अब अपनी रणनीति के और ज्यादा कारगर होने की उम्मीद है। अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी के चुनाव होने हैं, इनमें सबसे महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल है, जहां पिछले चुनाव में भाजपा ने ममता बनर्जी को कड़ी चुनौती दी थी। इसके बावजूद भाजपा ने राज्य में अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी। अब भाजपा के पास ममता बनर्जी के गढ़ को ढहाने का एक मौका है। हालांकि, वहां की राजनीतिक तासीर में भाजपा और एनडीए के लिए अपनी जगह बना पाना काफी मुश्किल है।

बिहार की जीत बंगाल में काम आएगी

भाजपा के एक प्रमुख नेता का कहना है कि पश्चिम बंगाल की जनता को विकल्प की तलाश है। पिछले चुनाव में उसने यह साबित किया है कि वह विकल्प है। इसलिए अब ममता बनर्जी के बरकरार रहने से ज्यादा संभावनाएं भाजपा के लिए हैं। इधर, लगातार जीत से भाजपा और एनडीए दोनों का मनोबल बढ़ा हुआ है। बिहार में एनडीए के जीतने की स्थिति बनने पर यह और मजबूत हो सकता है, जो पश्चिम बंगाल में उसके बहुत काम आ सकता है।

केरल और तमिलनाडु में भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

केरल और तमिलनाडु जैसे कमजोर राज्यों में भी भाजपा बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। तमिलनाडु में वह एक बार फिर गठबंधन की राजनीति में जा सकती है और इंडिया गठबंधन के मुकाबले अन्नाद्रमुक को अपने साथ ले सकती है। हालांकि, अन्नाद्रमुक इतना बिखरा हुआ है कि भाजपा किसे साथ ले और किसे छोड़े एक बड़ा सवाल है। केरल में पिछले कुछ सालों में हालत काफी बदले हैं और भाजपा ने भी अपने आप को राज्य की राजनीति में अलग तरह से स्थापित करने की कोशिश की है। इसके तहत उसने वहां के ईसाई समुदाय को साधने की कोशिश की है।

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