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शराब नीति और पैसे पर पूरा ध्यान ‘आप को ले डूबी: अन्ना हजारे

आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई है। अन्ना हजारे ने पार्टी की हार के लिए केजरीवाल की शराब नीति और भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की छवि को नुकसान...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 8 Feb 2025 07:08 PM
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शराब नीति और पैसे पर पूरा ध्यान ‘आप को ले डूबी: अन्ना हजारे

शराब नीति और पैसे पर पूरा ध्यान ‘आप को ले डूबी: अन्ना हजारे नई दिल्ली, एजेंसी। अन्ना आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार गई है। चुनाव परिणाम आने के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी की हार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप की हार के लिए अरविंद केजरीवाल की शराब नीति को जिम्मेदार ठहराया। अन्ना ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल ने पहले कहा कि मैं बड़ा घर नहीं लूंगा। बाद में पैसा आ गया तो शीशमहल बनाया, शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस दिए...इन गलतियों के कारण लोगों ने चुनाव में उन्हें हरा दिया।

अन्ना ने कहा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि चुनाव लड़ते समय उम्मीदवार के पास चरित्र होना चाहिए, अच्छे विचार होने चाहिए और उसकी छवि पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए। लेकिन, उन्हें (आप) यह नहीं मिला। वे शराब और पैसे में उलझ गए, इससे उनकी (अरविंद केजरीवाल) छवि को नुकसान हुआ। मैनें पहले भी उसे (अरविंद केजरीवाल) को समझाया था, लेकिन उनके दिमाग में नहीं आया। वे शराब और पैसे में बह गए।

समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक समाचार चैनल से बातचीत में यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल बात चरित्र की करते हैं, लेकिन शराब में शामिल हो जाते हैं। हजारे ने कहा कि राजनीति में आरोप लगते हैं और उन्हें साबित करना पड़ता है कि वो दोषी नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि ‘आप इसलिए हारी क्योंकि वह निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने की जरूरत को समझने में असफल रही।

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दिल्ली में ‘आप की हार पूरे विपक्ष के लिए झटका: योगेंद्र यादव

नई दिल्ली, एजेंसी। स्वराज इंडिया पार्टी के सह-संस्थापक और चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने शनिवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार न केवल पार्टी के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए झटका है। उन्होंने कहा कि नतीजों से पार्टी के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि अब यह केवल पंजाब तक ही सीमित रह गई है।

‘आप के संस्थापक सदस्यों में से एक यादव को 2015 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। यादव ने कहा कि यह उन सभी लोगों के लिए भी झटका है जो देश में वैकल्पिक राजनीति का सपना देखते थे। उन्होंने कहा, यह सिर्फ ‘आप के लिए ही नहीं बल्कि उन सभी के लिए झटका है जिन्होंने 10-12 साल पहले इस देश में वैकल्पिक राजनीति का सपना देखा था। यह आप का समर्थन करने वाली सभी पार्टियों और देश के समूचे विपक्ष के लिए झटका है। यादव ने एक समाचार एजेंसी से कहा, आप कह सकते हैं कि वोट शेयर के मामले में वे (भाजपा से) सिर्फ 4-5 प्रतिशत पीछे हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का तमाम प्रयासों के बावजूद हारना बहुत बड़ा झटका है, जिससे पार्टी के भविष्य पर सवाल उठता है। यादव ने कहा कि सत्ता में आने के बाद ‘आप केवल कल्याणकारी योजनाओं तक सीमित हो गई।

यह पूछे जाने पर कि ‘आप से वोटों के खिसकने का क्या कारण हो सकता है, यादव ने कहा कि पहले मोदी के कई समर्थक, जिन्होंने लोकसभा में भाजपा को वोट दिया था, विधानसभा चुनावों में ‘आप का समर्थन करते थे। यादव ने कहा कि लेकिन इस बार उनमें से कुछ विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ रहे। यादव ने दिल्ली के उपराज्यपाल और ‘आप सरकार के बीच लगातार झगड़े को भी पार्टी की चुनावी विफलता का कारण बताया। उन्होंने कहा, जो टकराव चल रहा था, बुनियादी कामों की उपेक्षा हो रही थी तथा उपराज्यपाल और सरकार के बीच प्रतिदिन होने वाली लड़ाइयां शायद मोदी समर्थकों को यह महसूस करा रही थीं कि उन्हें इस बार भाजपा का समर्थन करना चाहिए।

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