नाम बदलकर महिला को यूएई भेजा, एजेंट गिरफ्तार
वीजा अवधि समाप्त होने पर भी महिला यूएई में ही रही थी, इसके चलते उसे डिपोर्ट कर भारत भेज दिया था

कबूतरबाजी नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दुबई से ब्लैक लिस्ट की गई एक महिला को एजेंट ने दूसरा पासपोर्ट बनवाकर दोबारा यूएई भेज दिया। एयरपोर्ट पर बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान महिला के पहले पासपोर्ट की जानकारी सामने आ गई। इस फर्जीवाड़े में लगभग दो साल से फरार चल रहे एजेंट मुकेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
अतिरिक्त आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि छह मई 2023 को रित शिखा अरोड़ा को यूएई से डिपोर्ट कर आईजीआई एयरपोर्ट भेजा गया था। दस्तावेजों से पता चला कि यूएई से उसे ब्लैक लिस्ट किया गया है। उसके पासपोर्ट पर यूएई जाने की कोई जानकारी इमिग्रेशन में नहीं थी। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसका असली नाम रीतू रानी है। वह अपने असली पासपोर्ट पर यूएई गई थी। वीजा अवधि समाप्त होने पर भी वह यूएई में ही रही। इसके चलते प्रशासन ने उसे डिपोर्ट कर भारत भेज दिया था। उसके पासपोर्ट को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था। दोबारा यूएई जाने के लिए उसने रिता शिखा अरोड़ा के नाम से दूसरा पासपोर्ट बनाया था। एयरपोर्ट पुलिस ने केस दर्ज कर लिया। आरोपी महिला ने बताया कि उसका पति वर्ष 2017 में वर्क वीजा पर दुबई गया था। वह भी 2018 में यूएई गई थी, लेकिन वीजा समाप्त होने के चलते उसे वापस भेज दिया गया। ब्लैकलिस्ट होने के चलते वह अपने पति के पास नहीं जी सकती थी। इसलिए उसने एजेंट मुकेश को तीन लाख रुपये देकर फर्जी जानकारी पर दूसरा पासपोर्ट बनवाया था, लेकिन यूएई पहुंचने पर बायोमेट्रिक सत्यापन में वह पकड़ी गई। उसे दोबारा डिपोर्ट कर भारत दिया गया। इस मामले में करीब दो साल से फरार चल रहे एजेंट मुकेश को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने बताया कि वह पहले चंडीगढ़ पासपोर्ट कार्यालय में कस्टमर एग्जीक्यूटिव था। वर्ष 2022 में वह अमेरिका गया था। वहां कुछ एजेंट के संपर्क में आकर वह कबूतरबाजी करने लगा।
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