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साइबर सुरक्षा को लेकर तैराक रेवांश जागरुकता फैला रहे

गुरुग्राम के 15 वर्षीय दिव्यांग तैराक रेवांश अदलखा ने साइबर सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने का कार्य किया। उन्होंने निवेश धोखाधड़ी, फर्जी कॉल और अन्य साइबर खतरों के बारे में जानकारी दी। रेवांश की यात्रा...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवSun, 23 Feb 2025 11:53 PM
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साइबर सुरक्षा को लेकर तैराक रेवांश जागरुकता फैला रहे

गुरुग्राम। तैराकी में कमाल देखने के बाद दिव्यांग रेवांश अदलखा अब साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैला रहा है। शनिवार को कॉग्निएबल की ओर से आयोजिक कार्यक्रम साइबर सुरक्षा जागरूकता के विशेष सत्र में रेवांश शामिल हुए। लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक किया। रेवांश ने निवेश धोखाधड़ी, फर्जी विशिंग कॉल, पार्सल डिलीवरी, कार्य-आधारित धोखाधड़ी और खोज इंजन घोटाले के बारे में जानकारी दी। साइबर अपराधी कैसे काम करते हैं और व्यक्ति खुद को कैसे सुरक्षित रहने के तरीके बताएं। गुरुग्राम के मदनपुरी निवासी दिव्यांग रेवांश के हौसले ने दिल्ली एनसीआर के सबसे कम उम्र के एथिकल हैकर्स में से एक हैं। रेवांश कॉग्निएबल के पोषित रत्नों में से एक रहे हैं। चुनौतियों पर काबू पाने से लेकर एथिकल हैकिंग और साइबर सुरक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने तक की उनकी यात्रा वास्तव में प्रेरणा दायक है। रेवांश शनिवार दोपहर 3:30 से 4:00 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को निवेश धोखाधड़ी, फर्जी विशिंग कॉल, पार्सल डिलीवरी घोटाले, कार्य-आधारित धोखाधड़ी और खोज इंजन घोटाले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने दिखाया कि साइबर अपराधी कैसे काम करते हैं और व्यक्ति खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। कॉग्निएबल के सीईओ डॉ. हिमांशु खुराना ने कहा कि रेवांश को इस सत्र का नेतृत्व करते देखना गर्व का क्षण था। उनकी यात्रा जीवन को बदलने में सही मार्गदर्शन, दृढ़ता और प्रौद्योगिकी की शक्ति के प्रभाव को दर्शाती है। उनकी विशेषज्ञता के माध्यम से सीखा कि कैसे सरल डिजिटल गतिविधियां भी साइबर जोखिमों के संपर्क में ला सकती हैं। उनके सत्र ने न केवल शिक्षित किया है, बल्कि साइबर सुरक्षा जागरूकता के प्रति प्रतिबद्धता को भी मजबूत किया है।

राष्ट्रीय तैराक और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ

15 वर्षीय रेवांश पैरा-राष्ट्रीय तैराक और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ हैं। उसने अपनी मेहनत और इच्छाशक्ति से हरियाणा और देश का नाम रोशन किया है। रेवांश का जन्म 75% सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर शारीरिक चुनौती के साथ हुआ। शुरुआत में जब चलना और दैनिक कार्य भी असंभव लगते थे। उसने अपनी दृढ़ता और परिवार के समर्थन से न केवल जीवन जीने की कला सीखी, बल्कि भारत का सर्वश्रेष्ठ तैराक (सब-जूनियर) बनने का गौरव प्राप्त किया। राष्ट्रीय स्तर के तैराकी में छह स्वर्ण पदक रह चुके हैं। लेकिन दिव्यांग को पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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