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डिजिटल अरेस्ट कर बीएसएनएल की पूर्व महिलाकर्मी से छह लाख ऐंठे

फरीदाबाद में साइबर ठगों ने एक 69 वर्षीय पूर्व बीएसएनएल कर्मचारी को 6 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर मनी लॉड्रिंग के आरोप में पीड़िता को धमकाया। पीड़िता ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवTue, 25 March 2025 12:45 AM
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डिजिटल अरेस्ट कर बीएसएनएल की पूर्व महिलाकर्मी से छह लाख ऐंठे

फरीदाबाद। साइबर ठगों ने भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की पूर्व महिला कर्मचारी को करीब दस दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर छह लाख छह हजार रुपये ठग लिए। आरोपी खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर आधार कार्ड के माध्यम से मनी लॉड्रिंग के रूप में महिलाकर्मी के बैंक खाते में करीब 65 बिलियन (6500 करोड़) रुपये आने का आरोप लगाया। किसी को बताने पर किडनी और शरीर के अन्य भाग निकालने की धमकी दी। पुलिस जांच में जुटी है। जानकारी के अनुसार पीड़िता सेक्टर-37 स्थित अपने मकान में अकेली रहती है। उनकी उम्र करीब 69 वर्ष है। उनकी कोई संतान नहीं है। उनके पति की मौत करीब दो साल पहले हो चुकी है। वह बीएसएनएल में ऑपरेटर रह चुकी हैं। पीड़िता के अनुसार 19 फरवरी को उनके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। साथ ही कहा कि उनके आधार कार्ड के माध्यम से मनी लॉड्रिंग किया जा रहा है। उनके बैंक खाते में करीब 65 बिलियन रुपये आए हैं। यह सुनकर बुजुर्ग पीड़िता सहम गई और उन्होंने मनी लॉड्रिंग के आरोप से इनकार किया। इसपर आरोपियों ने उन्हें वीडियो कॉल पर ले लिया। वीडियो कॉल में दिखने वाले श्ख्स ने खुद को जज बताया। साथ ही मामले की जांच में सहयोग करने को कहा। आरोपियों ने बैंक खाता की जानकारी ली और जांच में जरूरी राशि जमा करने के एवज में पैसों की मांग की।

और रकम जमा करने के लिए बनाया जा रहा दबाव

रकम मांगने पर पीड़िता ने आरोपियों से कहा कि वह यूपीआई का उपयोग नहीं करती हैं। ऐसे में आरोपियों ने बैंक जाकर पैसे जमा कराने को कहा। आरोपियों के कहने पर पीड़िता आारोपियों द्वारा बताए जिस बैंक खाता में पहले पैसा जमा कराना चाहा, वह बैंक खाता फ्रीज था। इसके बाद उन्हें दूसरा बैंक खाता संख्या दिया गया और फिर 19 फरवरी को ही पहली बार में दो लाख रुपये और 20 फरवरी को दूसरी बार में चार लाख छह रुपये जमा कराए गए। पीड़िता का कहना है कि आरोपी अभी भी उनपर पैसे देने का दबाव बना रहा है। साथ ही अलग-अलग मोबाइल नंबर से कॉल कर धमकी दे रहा है।

किसी को बताने पर किडनी निकालने की धमकी दी

पीड़िता का कहना है कि आरोपियों ने उन्हें किसी को नहीं बताने की हिदायत दी थी। साथ ही यह भी कहा गया कि बैंक के प्रबंधक ने ही उन्हें आधार कार्ड से बैंक खाते में मनी लॉड्रिंग होने की जानकारी दी है। ऐसे में बैंक में काले कपड़े में मुंबई क्राइम ब्रांच की पुलिस मौजूद हैं। उनपर नजर रख रहे हैं। आरोपियों ने पीड़िता से यह भी कहा कि अगर वह किसी को डिजिटल अरेस्ट की जानकरी दी तो उनका किडनी और शरीर के अन्य अंग निकालकर पैसों का भुगतान किया जाएगा। इससे पीड़िता काफी सहम गई।

दो दिन पहले भांजी को दी जानकारी

पीड़िता ने बताया कि उनकी भांजी गाजियाबाद में रह रही हैं। आरोपियों ने उन्हें जब खूब डाराया तो शुक्रवार को उन्होंने अपनी भांजी को फोन किया। साथ ही कहा कि उनपर केस हो गया है। भांजी को समझते देर नहीं हुई और उन्होंने बताया कि उनके साथ ठगी हुई है। मामी की परेशानी सुनकर भांजी अपने पति के साथ फरीदाबाद पहुंचकर सेक्टर-17 स्थित साइबर थाना सेंट्रल की पुलिस को शिकायत दी।

पुलिस ने पहले नहीं ली शिकायत

पीड़िता का यह भी कहना है कि आरोपी उन्हें अभी भी अलग-अलग मोबाइल नंबर से कॉल करके धमकी दे रहे हैं। इस बाबत उन्होंने सेंट्रल साइबर थाना में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की बात कहकर वापस लौटा दिया। इसके बाद उन्होंने साइबर हेल्पलाइन नंबर-1930 पर शिकायत दी। वहां भी 72 घंटे बाद शिकायत लेने से इनकार कर दिया गया। इससे बुजुर्ग पीड़ता की दिक्कत और बढ़ गई। हालांकि, पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि संज्ञान में मामला आते ही पीड़िता की साइबर थाना सेंट्रल में शिकायत ली गई है। पुलिस शिकायत के आधार पर विभिन्न पहलूओं से मामले की जांच कर रही है।

पूर्व महिला आईपीएस अधिकारी से भी हो चुकी है ठगी

12 फरवरी को शहर में रह रही एक पूर्व महिला आईपीएस अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का प्रयास किया गया। इसके अलावा 17 जनवरी को साइबर थाना एनआईटी में केंद्रीय श्रम मंत्रालय से सेवानिवृत महिला अधिकारी ने डिजिटल अरेस्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि जालसाजों ने उन्हें नवंबर में करीब 18 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और फिर करीब 40 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने उन्हें भी मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी का डर दिखाया था। इसके अलावा सेक्टर-23 में रह रहे एक 80 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 30 लाख से अधिक रुपये ठग लिए थे।

ऐसे मामले बढ़ रहे

साइबर पुलिस के अनुसार शहर में डीजिटल अरेस्ट के मामले में बढ़े हैं। पिछले साल से अबतक शहर में 13 डिजिटल अरेस्ट के मामले पुलिस के पास पहुंचे। अधिकारियों का दावा है कि सभी मामला दर्जकर जांच की जा रही है। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर दस व्यक्तियों से करीब दो करोड़ रुपयों से अधिक की ठगी हुई।

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