गर्भवती महिलाओं को दो दिन तक परेशानी झेलनी पड़ेगी
गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को दो दिन परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दूधेश्वर नाथ मंदिर के रास्ते बंद होने से महिलाओं को पैदल आना पड़ा। एंबुलेंस के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।...

गाजियाबाद। जिला महिला अस्पताल में उपचार के लिए गर्भवती महिलाओं को दो दिन परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दूधेश्वर नाथ मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग को बंद किए जाने की वजह से सोमवार से ही आवागमन में परेशानी शुरू हो गई। महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने दूधेश्वर मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों पर हल्के और भारी वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी है। यातायात पुलिस के मुताबिक मंगलवार सुबह छह बजे से बुधवार रात 12 बजे तक गोशाला चौकी से मंदिर की ओर वाहन नहीं चल सकेंगे। इसी तरह जीटी रोड पर अस्पताल के आगे से जस्सीपुरा के रास्ते केवल पैदल यात्री या शिवभक्त ही मंदिर की ओर जा पाएंगे। रूट डायवर्जन की वजह से दूधेश्वरनाथ मार्ग के बीचोंबीच पड़ने वाले जिला महिला अस्पताल में भी मरीजों को जाने के लिए अच्छी खासी कसरत करनी पड़ेगी। वाहनों का प्रवेश निषेध होने से अस्पताल तक गर्भवती महिलाओं को मुख्य मार्ग से पैदल ही जाना पड़ेगा। जस्सीपुरा मोड़ पर बैरिकेडिंग की वजह से एंबुलेंस के पहुंचने पर भी संकट हो गया है। एंबुलेंस को एमएमजी अस्पताल के पिछले रास्ते यानि मोर्चरी के पास तक गर्भवती को ले जाया जा सकेगा।
सोमवार को पैदल चलकर पहुंची मरीज
पुलिस-प्रशासन ने बेशक मंगलवार की रात से डायवर्जन को लागू किया हो, लेकिन सोमवार की सुबह से ही कार और बाइक सवारों को मंदिर की ओर नहीं जाने दिया गया। महिला अस्पताल के फार्मासिस्ट ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें अस्पताल आने के लिए पुलिसकर्मियों को अपना परिचय पत्र दिखाना पड़ा, तब जाकर उन्हें अस्पताल की ओर जाने दिया गया। यहीं हाल महिला मरीजों का रहा। उन्हें पैदल की अस्पताल तक आना पड़ा।
केस हिस्ट्री
नोएडा सेक्टर-63 निवासी पूजा ने बताया कि वह अपने पति के साथ अस्पताल के लिए आई, लेकिन गोशाला चौकी पर उनकी बाइक को रोक दिया गया। उन्हें पैदल की अस्पताल तक आना पड़ा।
विजयनगर निवासी सरोजनी ने बताया कि ई-रिक्शा को गोशाला से पहले ही रोक दिया गया। पेट में दर्द के बावजूद उसे पैदल चलकर ही दवा डॉक्टर को दिखाने के लिए जाना पड़ा और पैदल ही वापस लौटी।
गर्भवती की परेशानी को देखते हुए पुलिस के उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी। ताकि महिला मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में राहत मिल सके। - डॉ. अलका शर्मा, सीएमएस, महिला अस्पताल
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