गाजियाबाद CP का फरमान, एक जोन में इतने समय से ज्यादा ड्यूटी नहीं करेंगे SI, हेड कांस्टेबल और सिपाही
गाजियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर ने कमिश्नरेट के तीन जोन में सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के लिए ड्यूटी की अधिकतम अवधि तय करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार, अब एक सब इंस्पेक्ट 2 साल से ज्यादा एक जोन में ड्यूटी नहीं कर सकेगा।

गाजियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर ने कमिश्नरेट के तीन जोन में सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के लिए ड्यूटी की अधिकतम अवधि तय करने के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार, अब एक सब इंस्पेक्ट 2 साल से ज्यादा एक जोन में ड्यूटी नहीं कर सकेगा।
ड्यूटी में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे रविंदर गौड़ ने कमिश्नरेट के तीन जोन में सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के लिए ड्यूटी की अधिकतम अवधि तय कर दिए।
17 अप्रैल को पुलिस कमिश्नर के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से ही गौड़ ने 'नागरिक-केंद्रित' पुलिसिंग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गाजियाबाद कमिश्नरेट को तीन जोन में बांटा गया है- शहर, ट्रांस हिंडन और ग्रामीण। प्रत्येक जोन का नेतृत्व एक डीसीपी करता है।
नए निर्देशों में कहा गया है कि सब इंस्पेक्टर जिले के किसी जोन में अधिकतम दो वर्ष तक काम करेगा, जबकि हेड कांस्टेबल शहरी जोन में अधिकतम चार वर्ष तथा ग्रामीण और ट्रांस हिंडन जोन में तीन-तीन वर्ष तक काम करेगा। इसी तरह कांस्टेबल किसी जोन में अधिकतम पांच वर्ष तक काम कर सकता है।
सिटी जोन के डीसीपी राजेश कुमार ने कहा कि यह बात सामने आई है कि कई लोग कई सालों से एक खास इलाके में तैनात थे। ऐसे मामलों में पद का दुरुपयोग हो सकता है, जबकि अन्य लोग दूरदराज के इलाकों में काम कर रहे थे। इसके अलावा, हर कर्मचारी को जिले में अलग-अलग जगहों पर काम करने का मौका भी मिलना चाहिए। इसलिए यह व्यवस्था बनाई गई है।
अधिकारियों ने बताया कि ड्यूटी की सीमा तय करने का आधार मानदंड है। डीसीपी ने कहा कि एक जिले में एक सब-इंस्पेक्टर को अधिकतम छह साल की सेवा करने की अनुमति है। इसी तरह, एक जिले में हेड कांस्टेबल के लिए अधिकतम अवधि 10 साल और कांस्टेबल के लिए 15 साल है। इसलिए एक जिले में अधिकतम अवधि को ध्यान में रखते हुए नई व्यवस्था तैयार की गई है। इस आधार पर एक जोन में अधिकतम सेवा अवधि तय की गई है।