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FNG Expressway : एफएनजी एक्सप्रेसवे से घटेगी 2 राज्यों की दूरी, NHAI को का काम सौंपने की तैयारी

फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे (एफएनजी एक्सप्रेसवे) बनाने का जिम्मा एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को देने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए इस बार उत्तर प्रदेश के बजाय हरियाणा सरकार ने प्रयास शुरू किए हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, फरीदाबाद/नोएडा। हिन्दुस्तानThu, 5 Dec 2024 06:58 AM
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FNG Expressway : एफएनजी एक्सप्रेसवे से घटेगी 2 राज्यों की दूरी, NHAI को का काम सौंपने की तैयारी

फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे (एफएनजी एक्सप्रेसवे) बनाने का जिम्मा एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को देने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इसके लिए इस बार उत्तर प्रदेश के बजाय हरियाणा सरकार ने प्रयास शुरू किए हैं। इससे पहले नोएडा प्राधिकरण के जरिये प्रदेश सरकार ने भी दो-तीन बार प्रयास किए थे, जो सफल नहीं हो सके थे। हरियाणा सरकार अपने स्तर से भी इसको बनाने की तैयारी में जुटी है।

नोएडा और हरियाणा सरकार के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के बीच मंगलवार को हुई बैठक में एनएचएआई को एफएनजी बनाने का जिम्मा देने के संकेत सामने आए हैं। एफएनजी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए नोएडा प्राधिकरण की टीम मंगलवार को फरीदाबाद गई थी। बैठक में यमुना पर बनने वाले पुल और उसको जोड़ने वाली सड़क के अलाइनमेंट को लेकर चर्चा की गई। उसी हिसाब से नोएडा प्राधिकरण अपने क्षेत्र में यमुना पर बनने वाले पुल को जोड़ते हुए सड़क बनाएगा। वहां के अधिकारियों ने बताया कि यमुना पर बनने वाले पुल समेत अन्य काम की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। इसको मंजूरी के लिए भेजा गया है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी। यमुना पर बनने वाला पुल जमीन से करीब 14 मीटर की ऊंचाई पर होगा। इसको जोड़ने वाली सड़क की ऊंचाई भी काफी होगी।

यमुना पर बनने वाले पुल पर 200 से 250 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इस खर्च को नोएडा और हरियाणा सरकार आधा-आधा वहन करेंगे। यह पुल फरीदाबाद के लालपुर गांव के पास जुड़ेगा। महत्वपूर्ण यह है कि पुल के अलावा एफएनजी के लिए फरीदाबाद क्षेत्र में सड़क बनाने के लिए किसानों से काफी जमीन लेनी है। आज के समय में किसान आसानी से जमीन देने को तैयार नहीं हैं। नए कानून के तहत जमीन लेने में सरकार पर अधिक आर्थिक भार पड़ेगा। इस पर एक हजार करोड़ से अधिक खर्च आने का अनुमान है। अभी फरीदाबाद की तरफ एफएनजी को लेकर कोई काम नहीं हुआ है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो ऐसे में हरियाणा सरकार ने यह परियोजना को फिर से एनएचएआई के हवाले करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

प्रस्ताव ठुकराया जा चुका

नोएडा प्राधिकरण के प्रस्ताव पर बीते वर्षों में यूपी सरकार ने एनएचएआई को एफएनजी का काम देने के प्रयास किए थे। इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी भेजे गए। एक बार एनएचएआई की टीम आई थी, तब तक ईस्टर्न पेरिफेल एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा बनकर तैयार हो गया था। ऐसे में पेरिफेरल के बन जाने पर एफएनजी की उपयोगिता से इनकार करते हुए इसको बनाने का जिम्मा लेने से मना कर दिया था।

नोएडा में काफी काम हो चुका

नोएडा क्षेत्र में एफएनजी को लेकर काफी काम हो चुका है। कुछ जगह छोटे-छोटे टुकड़ों में सड़क बननी बाकी है, जिस पर किसानों से कोर्ट में विवाद चल रहा है। यमुना पुल से सड़क जोड़ने के लिए प्राधिकरण को भी किसानों से जमीन लेनी है, जो आसान प्रक्रिया नहीं है। इसके अलावा नोएडा में एक जगह एलिवेटेड रोड, एक फ्लाईओवर और अंडरपास बनना प्रस्तावित है। इन काम पर 1500 से दो हजार करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। 

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