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गोत्रपाल की लड़ाई में उलझकर रह जाते हैं विकास के मुद्दे

फरीदाबाद के हथीन विधानसभा क्षेत्र में विकास के मुद्दे चुनावी राजनीति में पीछे रह जाते हैं। यहां पेयजल और रोजगार की गंभीर समस्याएं हैं। औद्योगिक विकास की कमी और शिक्षा के अभाव से युवाओं में बेरोजगारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादThu, 5 Sep 2024 11:01 PM
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गोत्रपाल की लड़ाई में उलझकर रह जाते हैं विकास के मुद्दे

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। हथीन विधानसभा क्षेत्र की गिनती पिछड़े विधानसभा क्षेत्रों में बनी हुई है। यहां हर बार चुनाव विकास के बजाय गोत्रपाल के मुद्दे में उलझकर रह जाता है। इस वजह से यहां चुनाव में विकास बड़ा मुद्दा नहीं बन पाता है। यहां के मतदाताओं के लिए अभी पेयजल तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो सकी है। हथीन के युवाओं को रोजगार देने के लिए औद्योगिक विकास होने के बजाय यहां से फैक्टरियों का पलायन हुआ है। इससे बेरोजगारी भी यहां बड़ा मुद्दा बना हुआ है। हथीन विधानसभा क्षेत्र में मंडकौला, बहीन, उटावड़, मानपुर, गहलब आदि बड़े गांव हैं। इसके इलाके की जमीन में मीठा पानी नहीं है। इस वजह से यहां पेयजल बड़ा मुद्दा है। रेनीवेल का पानी की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन, यहां पेयजल की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। गरमी के मौसम में तो यहां पेयजल के लिए हाहाकार मच जाता है। पेयजल के अलावा यहां सिंचाई की व्यवस्था भी गड़बड़ है। यहां नहरी पानी की उपलब्धता में कमी है। यहां के लोग खेती पर निर्भर है। फिर भी खेती के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी सिंचाई के लिए पानी की किल्लत बड़ा मुद्दा बना था। यहां अभी भी इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इस क्षेत्र में उपचार के लिए बड़ा अस्पताल नहीं है। यहां के लोग बड़े अस्पताल की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी निर्भरता पलवल और फरीदाबाद पर कम हो सके। हथीन की गिनती पिछड़े इलाकों में होती है। यहां के युवाओं के लिए प्रदेश सरकार ने यहां औद्योगिक क्षेत्र बसाया था। लेकिन, औद्योगिक क्षेत्र बसाने के बाद यहां मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं की। इस वजह से यहां के औद्योगिक क्षेत्र से काफी फैक्टरियां पलायन कर गईं। इससे युवाओं के लिए रोजगार का संकट पैदा हो रहा है। युवाओं का कहना है कि यहां बेरोजगारी बड़ा मुद्दा बन गया है। इसी तरह यहां महिलाओं की शिक्षा के लिए बड़े शिक्षण संस्थान नहीं हैं। इस तरह यहां की लड़कियां उच्च शिक्षा के मामले में पिछड़ रही हैं। यहां के लोगों का कहना है कि यहां के उम्मीदवार विकास के मुद्दों को पूरा करने के बजाय चुनाव के समय गोत्रपाल की लड़ाई में उलझाकर मतदाताओं को भ्रमित कर वोट ले जाते हैं। मतदाताओं के विकास के मुद्दे ऐसे ही रह जाते हैं।

आवाजाही के लिए निजी वाहनों पर निर्भर हैं यहां के लोग: नौकरी और कारोबारी के लिए यहां के लोग फरीदाबाद और दिल्ली जाते हैं। यहां आवागमन के लिए पर्याप्त संख्या में बसें नहीं चलती हैं। इस वजह से यहां के लोग निजी वाहनों पर निर्भर हैं। इसके अलावा क्षेत्र की सड़कों की हालत अच्छी नहीं है। सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन, सड़कों को वाहनों की संख्या को देखते हुए चौड़ाया नहीं जा रहा है। काफी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। लोग सड़कों की लंबे समय से मरम्मत की मांग कर रहे हैं।

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तीन विधानसभा चुनावों पर एक नजर

2019

46, 744 मत मिले थे भाजपा उम्मीदवार प्रवीण डागर को

43, 857 मत मिले थे कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद इसराइल को

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2014

44703 मत मिले थे इनेलो उम्मीदवार केहर सिंह रावत को

38,331 मत मिले थे भाजपा उम्मीदवार हर्ष कुमार को

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2009

33, 774 मत पाकर विजयी हुए थे निर्दलीय उम्मीदवार जलेब खान

27,301 मत मिले थे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हर्ष कुमार

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कितने मतदाता हैं यहां

239122 लाख कुल मतदाता हैं हथीन विधानसभा क्षेत्र में

128768 पुरुष मतदाता हैं हथीन विधानसभा क्षेत्र में

110343 महिला मतदाता हैं हथीन विधानसभा क्षेत्र में

11 थर्ड जेंडर मतदाता हैं यहां पर

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