फरीदाबाद में बिल्डर पर केस दर्ज कर जमीन की रजिस्ट्री रोकने के आदेश
फरीदाबाद में बिल्डर पर 500 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है। निवेशकों को प्लॉट और बकाया राशि नहीं मिलने पर मंत्री ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में 12 शिकायतों का...
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फरीदाबाद, मुख्य संवाददाता। हरियाणा सरकार से लाइसेंस लेकर ग्रेटर फरीदाबाद में चार सेक्टर विकसित करने वाले बिल्डर पर निवेशकों को प्लॉट और बकाया राशि नहीं देने पर पुलिस में मुकदमा दर्ज होगा। इसके अलावा निवेशकों को बकाया राशि मिलने तक उपरोक्त सेक्टरों की जमीन की रजिस्ट्री पर भी रोक लगा दी है। सोमवार को ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में उद्योग, वन मंत्री राव नरवीर ने यह आदेश दिए। मंत्री ने एजेंडे की 18 शिकायतों में से 12 का मौके पर ही समाधान कर दिया।
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बिल्डर पर 500 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप
सेक्टर-11 के चिराग ने ग्रीवेंस कमेटी को दी शिकायत में बताया कि मेसर्स फरीदाबाद इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल्डर सरकार से लाइसेंस लेकर सेक्टर-111 से 114 में चार सेक्टर बसा रहा है। उन्होंने यहां एक प्लॉट खरीदा और उसकी एवज में उपरोक्त बिल्डर को निर्धारित रकम चुका दी थी, लेकिन बिल्डर ने उनको प्लॉट नहीं दिया। इसके बाद ब्याज सहित पैसे वापस करने का फैसला हुआ। जिसके बाद बिल्डर को 20 लाख रुपये देने थे। आरोप है कि बिल्डर ने जो 20 लाख रुपये का चेक दिया, वह राशि उनके बैंक में नहीं आई। शिकायकर्ता ने कहा कि बाकी निवेशकों को भी पैसे नही दिए जा रहे हैं। जो चेक बिल्डर की तरफ से दिए जा रहे हैं, वो सभी बाउंस हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 500 करोड़ रुपये निवेशकों के फंसे हुए हैं। इस पर मंत्री ने जिला उपायुक्त को बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने और उनकी जमीन की रजिस्ट्री रोकने के आदेश दिए हैं।
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फाइल की मंजूरी के लिए बार-बार आपत्ति लगाने वाले अधिकारी होने निलंबित
मंत्री राव नरवीर ने कहा कि विकास कार्य सहित अन्य सरकारी गैर-सरकारी फाइल की मंजूरी के लिए बार-बार आपत्ति लगाने वाले अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी एक बार ही आपत्ति लगाए, चाहे वह एक आपित्त हो या फिर 100 हों। इससे ज्यादा दफा आपत्ति लगाने पर काम लंबित होता है। मंत्री ने यह आदेश ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में आई शिकायत पर दिए। गांव झाड़सेंतली के धर्म सिंह की शिकायत थी कि गांव के दोनों तरफ सेक्टर-58 और सेक्टर-59 औद्योगिक क्षेत्र हैं। उद्योगों का गन्दा पानी भरा रहता है। इस पर जब मंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से पूछा तो एनओसी नहीं मिलने की बात कहकर अनेक विभागों ने समस्या के समाधान में देरी के लिए एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाली। जिसको लेकर मंत्री काफी नाराज हुए और जल्द से जल्द पाइप लाइन डालकर समस्या का समाधान करने के आदेश दिए।
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इलेक्ट्रोप्लेटिंग ज़ोन का मामला रहा लंबित
इलेक्ट्रोप्लेटिंग ज़ोन में उद्योग लगाने के लिए 20 साल से प्लॉट की मांग कर रहे उद्योगपतियों को ग्रीवेंस कमेटी में राहत नहीं मिली। उद्योगपतियों के लिए 20 साल बाद भी इंतजार खत्म नहीं हुआ। मंत्री ने इस मामले को अपने स्तर पर देखने के लिए कहा है। दरअसल, सेक्टर-29 के रविन्द्र कुमार ने उपरोक्त कमेटी को दी अपनी शिकायत में बताया कि वर्ष 2002 में सेक्टर-58 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग ज़ोन स्थापित किया था। करीब 103 उद्योगपतियों ने प्लॉट के लिए सरकार की तरफ से निर्धारित राशि का दस फीसदी राशि जमा करवा दी थी। लेकिन अभी तक उनको प्लॉट नहीं मिला है। इस मामले को लेकर मंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारी से जवाब तलब किया तो उन्होंने बताया कि सरकार ने पहली नीति को रद्द कर दिया है और अब ई-नीलामी के आधार पर नए सिरे से प्लॉट आवंटित किए जाएंगे, जिसमें कोई भी हिस्सा ले सकेगा। अधिकारी ने बताया को जिन्होंने पहले पैसे जमा करवाये हुए हैं, उनके पैसे ब्याज सहित सरकार वापस करेगी।
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पुलिस आयुक्त के नहीं आने से मंत्री नाराज
मंत्री राव नरवीर सिंह ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में अधिकारियों को चेता गए। उन्होंने साफ संकेत दिया कि जनता को परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कोई गुरेज नहीं किया जाएगा। मंत्री ने बैठक में पुलिस आयुक्त के नहीं आने पर नाराजगी जाहिर की। मंत्री ने बैठक में अनुपस्थित रहे सभी अधिकारियों को अगली बैठक में बुलाने के आदेश दिए। साथ ही मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे सभी जनता का काम प्राथमिकता पर करें।
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कांग्रेस विधायक ने रखी शिकायत
सभी शिकायतें सुनने के बाद कुछ समय के लिए ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में राजनीतिक गरमाहट भी आई। यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब पृथला विधानसभा से कांग्रेस के विधायक रघुवीर तेवतिया ने अपने विधानसभा की शिकायतें मंत्री के सामने रखीं। नगर निगम में गए गांवों से लेकर अन्य गांवों में जर्जर सड़क सहित पानी, बिजली, सफाई जैसी समस्या रखी। इस पर मंत्री ने मजाकिया अंदाज में निगमायुक्त से कहा कि तेवतिया के साथ भाजपा के विधायक की तरह बर्ताव करें। उनके सभी कार्य करवाए जाएं। इस पर सदन में ठहाका लगा। तेवतिया ने भी पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा खर्ची-पर्ची की बात करती है, लेकिन जब मैं कांग्रेस सरकार में विधायक था तो काफी लोगों को नौकरी पर लगवाया, किसी से कोई पैसा नहीं लिया।
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