रुस्लान खान ने मुआयथाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता
फरीदाबाद के रुस्लान खान ने रोहतक में हुई नेशनल मुआयथाई चैंपियनशिप में दूसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबलियत का परिचय दिया है। 12 साल के रुस्लान ने अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। वह...
फरीदाबाद। रोहतक में हुई नेशनल मुआयथाई चैंपियनशिप में फरीदाबाद के रुस्लान खान ने दूसरी बार स्वर्ण पदक जीतकर अपनी काबलियत का परिचय दिया है। इससे परिवार में खुशी का माहौल है। यह चैंपियनशिप नौ से 16 जून तक रोहतक में आयोजित हुई थी, जिसमें विभिन्न प्रदेशों के खिलाड़ियों ने भागीदारी की थी। इस चैंपियनशिप में फरीदाबाद सेक्टर-62 में रहने वाले ट्रांसपोर्टर नियामत खान के 12 साल के बेटे रुस्लान खान ने भी भागीदारी की थी। रुस्लान ने अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को हराकर स्वर्ण पदक जीता। रुस्लान खान सातवीं कक्षा में पढ़ते हैं और राकेश शर्मा से वह ट्रेनिंग लेते हैं। रुस्लान अपनी जीत का श्रेय परिजन व कोच को देते हैं।
नियामत खान का कहना है कि बहरीन देश में एशियन चैंपियनशिप अक्तूबर में होनी है, जिसमें 14 साल से अधिक आयु के खिलाड़ी भाग लेते हैं, लेकिन रुस्लान की उम्र कम होने के कारण उनका चयन नहीं हो पाया। अगर उम्र अधिक होती तो वह बहरीन में खेलने के लिए जाते। चूंकि रुस्लान उभरता खिलाड़ी हैं और जिसने 2024 में भी असम में हुए नेशनल गेम में भी गोल्ड मेडल जीता था। यह होता है मुआथाई खेल मुआथाई को थाई बॉक्सिंग भी कहा जाता है। थाईलैंड का एक पारंपरिक मार्शल आर्ट और पूर्ण संपर्क वाला युद्ध खेल है। इसे आठ अंगों की कला के रूप में भी जाना जाता है। इसमें घूंसे, लात, कोहनी और घुटनों का उपयोग किया जाता है। इस खेल के लिए कड़ा प्रशिक्षण लेना होता है। इसमें अटैक के साथ डिफेंस का भी कुशल प्रशिक्षण लेना आवश्यक होता है। हल्की सी भी चूक खिलाड़ी की चोट का कारण बन सकती है।
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