इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन की योजना नहीं चढ़ी सिरे
फरीदाबाद में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की कमी से वाहन मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में केवल दो सरकारी चार्जिंग स्टेशन हैं, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। स्मार्ट सिटी में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की भारी कमी है। तीन हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पर दो ही चार्जिंग स्टेशन है। नतीजतन वाहन मालिकों को आए दिन चार्जिंग के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के दाम लगातार बढ़ने और बढ़ते प्रदूषण को देखतेहुए लोग पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों का खरीदने की बजाए इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन सरकारी स्तर पर चार्जिंग स्टेशनों का काफी अभाव है। पांच साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री ने शहर में 20 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की थी। इस योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को दी गई थी। लेकिन यह योजना कागजों और फाइलों तक सिमटकर रह गई है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ये स्टेशन प्राइवेट स्तर पर अडानी को बनाने थे। दो साल पहले नगर निगम ने भी एक योजना बनाई थी, जिसमें शहर के प्रमुख स्थानों पर 25 चार्जिंग स्टेशन लगाने की बात कही गई थी। योजना के पहले चरण में 10 चार्जिंग स्टेशनों के लिए जगह चिह्नित कर ली गई थी। निगम को भूमि उपलब्ध करानी थी। एजेंसी चार्जिंग स्टेशनों को बनवाने का खर्च उठाने के साथ उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी लेगी। इसके लिए निगम ने केंद्र की एक एजेंसी से अनुबंध भी कर लिया था। लेकिन इस योजना पर भी कोई ठोस काम शुरू नहीं हुआ। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले लोग अपने स्तर पर ही घर पर चार्जिंग प्वाइंट लगवा रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनाने की थी मांग
जिले में वर्ष 2020 में इलेक्ट्रिक वाणिज्यक वाहनों की संख्या 95 थी, 2023 में यह बढ़ कर 566 हो चुकी है, वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या लगभग तीन हजार पहुंच गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने की जरूरत है।
शहर में दो सरकारी चार्जिंग स्टेशन
शहर में दो सरकारी चार्जिंग स्टेशन कार्यरत है, एक चार्जिंग स्टेशन सेक्टर-12 लघु सचिवालय में एडीसी कार्यालय के बाद और दूसरा एनआईटी 3 स्थित पर्यटन विभाग के पेट्रोल पंप पर बना है। वह पर्याप्त नहीं है, कई बार लाइन में लगकर चार्जिंग करवानी पड़ती है और कई बार तकनीकी दिक्कतों के चलते स्टेशन बंद भी रहता है। निजी स्तर पर कुछ चार्जिंग पॉइंट्स जरूर खुले हैं, लेकिन वहां चार्जिंग की दरें अधिक होने के कारण लोग उनसे परहेज करते हैं। विशेषज्ञ मनमोहन गुप्ता ने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए ई-वाहनों को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए। जिससे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से हिचकिचाएंगे नहीं। जितने अधिक ई-वाहनों की संख्या बढ़ेगी।प्रदूषण से उतनी अधिक राहत मिलेगी।
ई-वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना को लेकर जल्द अधिकारियों की बैठक ली जाएगी। किन कारणों से योजना सिरे नहीं चढ़ी पता किया जाएगा। उसके बाद योजना को नए सिरे से आगे बढ़ाने के आदेश दिए जाएंगे।
- डॉ. गौरव अंतिल, अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम
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