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हथीन में वर्षों से अटकी सब्जी मंडी की फाइल

हथीन शहर में सब्जी मंडी की मांग पिछले 20 वर्षों से फाइलों में अटकी हुई है। विक्रेता फुटपाथ और सड़कों पर बेचने को मजबूर हैं, जिससे यातायात में बाधा आ रही है। प्रशासन की उदासीनता के कारण स्थायी मंडी की...

Newswrap हिन्दुस्तान, फरीदाबादMon, 9 Dec 2024 11:09 PM
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हथीन में वर्षों से अटकी सब्जी मंडी की फाइल

पलवल, हथीन, संवाददाता। हथीन शहर में सब्जी मंडी की मांग पिछले दो दशकों से फाइलों में अटकी हुई है। सब्जी और फल विक्रेताओं को स्थायी जगह न मिलने के कारण वे फुटपाथ और सड़कों पर सब्जी-फल बेचने को मजबूर हैं। यह समस्या केवल उनके रोजी-रोटी तक सीमित नहीं है बल्कि इससे यातायात बाधित होता है और स्थानीय लोगों को भी परेशानी होती है। प्रशासन और नगरपालिका की उदासीनता के कारण अब तक इसका समाधान नहीं हो सका है। स्थायी व्यवस्था की कमी : हथीन में सब्जी मंडी के लिए अब तक कोई जगह तय नहीं हो पाई है। स्थानीय सब्जी और फल विक्रेता पिछले 20 वर्षों से सड़कों और फुटपाथ पर अपना सामान बेच रहे हैं। सड़कों पर बैठने के कारण पुलिस और नगरपालिका उन्हें बार-बार खदेड़ती है। मजबूरी में विक्रेता कुछ समय बाद फिर वहीं आकर बैठ जाते हैं।

लोगों का कहना है कि स्थायी सब्जी मंडी के लिए कई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन कोई भी अमल में नहीं आ सकी। सबसे पहले अनाज मंडी में सब्जी मंडी बनाने की योजना बनी थी, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। इसके बाद खंड कार्यालय के पास पंचायत समिति की जमीन पर मंडी बनाने की बात हुई, लेकिन पंचायत ने जमीन देने से इनकार कर दिया। फिर विश्राम गृह के सामने और आईटीआई के पास की खाली जमीन को चुना गया, लेकिन कानूनी विवाद के कारण ये भी सफल नहीं हो सका।

विकेताओं की मुश्किलें : स्थायी मंडी न होने के कारण हथीन के करीब 200 सब्जी और फल विक्रेता अपनी रोजी-रोटी के लिए सड़क किनारे बैठने को मजबूर हैं। सड़क पर विक्रेताओं के बैठने से यातायात जाम की समस्या भी बढ़ रही है। बार-बार हटाए जाने से विक्रेता हताश हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को ऐसी जगह तय करनी चाहिए, जहां से उन्हें बार-बार हटाया न जाए।

मंडी के लिए प्रयास जारी : नगरपालिका और प्रशासन की ओर से समस्या के समाधान के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन अब तक कोई ठोस योजना नहीं बन पाई। नपा हथीन के सचिव देवेंद्र का कहना है कि फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए स्थायी जगह की व्यवस्था करना हमारी प्राथमिकता है। लेकिन हर बार तकनीकी कारणों से योजना सिरे नहीं चढ़ सकी है। इसके लिए प्रयास जारी हैं।

विक्रेताओं की पीड़ा : स्थायी जगह की कमी के कारण विक्रेता बेहद परेशान हैं। वे बार-बार खदेड़े जाने से आहत हैं। विक्रेता राजू ने कहा कि हमने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई है। वे सिर्फ आश्वासन देते हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। नोमान नामक सब्जी विक्रेता ने कहा कि हम बच्चों को पालने और घर चलाने के लिए मजबूरी में सड़क पर बैठते हैं। प्रशासन को हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए।

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