सूरजकुंड मेले में अफगानी कारपेट खरीदने का आज आखिरी मौका
फरीदाबाद के सूरजकुंड मेले में अफगान कारपेट की स्टॉल है, जहां हस्तशिल्पी अब्दुल अजीज ने 2017 से अपनी कलाकृतियां पेश की हैं। ये कारपेट भेड़ की ऊन से बनी होती हैं और 100 वर्ष तक खराब नहीं होतीं। दर्शकों...
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फरीदाबाद। सूरजकुंड मेले की बिम्सटेक पवेलियन में अफगानी कारपेट की स्टॉल मौजूद है। अफगानिस्तान के हस्तशिल्पी अब्दुल अजीज अफगान कारपेट को लेकर पहुंचे हुए हैं। इन खूबसूरत कारपेट को खरीदने के लिए दर्शकों के पास केवल रविवार शाम छह बजे तक का ही समय है। अब्दुल अजीज वर्ष 2017 से लगातार मेले में आ रहे हैं। यह कारपेटर पूरी तरह हाथ से बनी हुई होती है। यह भेड़ की ऊन से तैयार होती हैं और बहुत ही गर्म होती है। एक लकड़ी के फ्रेम पर बुनाई करके कारपेट तैयार की जाती है।
पूरी तरह बुनाई से तैयार होने की वजह से एक कारपेट को तैयार होने में आठ से नौ महीने तक का समय लगता है। अफगानी भेड़ की ऊन से तैयार होने वाली कारपेट में गर्माहट रहती है। इसके चलते ठंडे देशों में अधिक मांग रहती है। इस पर बारीक कढ़ाई कीमत को बढ़ाती हैं। अब्दुल अजीज के अनुसार उनके पास 10 हजार से लेकर एक लाख 20 हजार रुपये की कारपेट उपलब्ध है। इससे भी अधिक महंगी कारपेट आती है, लेकिन मेले में इतने तक की ही कारपेट लाए हैं।
शिल्पकार का दावा, सौ वर्ष तक नहीं होगी खराब
अब्दुल अजीज का दावा है कि यह कारपेट 100 वर्ष तक खराब नहीं होती हैं। समय बीतने के साथ इनकी चमक बढ़ती जाती है। इन कारपेट को वॉशिंग मशीन में धोया जा सकता है और खराब भी नहीं होती। अन्य कारपेट के मुकाबले की इनका वजन भी बहुत कम होता है। अब्दुल अजीज का कहना कि अब तक काफी दर्शक इन्हें खरीद रहे हैं। हालांकि, इस बार कमाई थोड़ी कम हुई है।
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