ED ने बताया FIIT JEE के ठिकानों से क्या-क्या मिला, छात्रों के 250 करोड़ रुपए हड़पने की बात भी कही
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए ईडी ने FIIT JEE के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान इस कोचिंग इंस्टीट्यूट के नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली स्थित सात सेंटरों और इसके मालिक डीके गोयल, कंपनी के अन्य अधिकारियों और उनके कार्यालयों के ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंची थी।

ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने हाल ही में कोचिंग इंस्टीट्यूट FIIT JEE के मालिक और अलग-अलग शहरों में स्थित उनके सेंटरों और कंपनी के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। शनिवार को छापे में बरामद सामान की जानकारी देते हुए एजेंसी ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान 10 लाख रुपए नगद और 4.89 करोड़ रुपए के आभूषण बरामद हुए थे, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। ईडी ने कोचिंग संस्थान पर गंभीर वित्तीय अनियमितता और धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया। ईडी ने कहा कि कोचिंग संस्थान ने हजारों छात्रों और उनके अभिभावकों से फीस के रूप में 250 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि लेकर उसे हड़प लिया और बदले में छात्रों को कोचिंग सेवा नहीं दी और देशभर के अपने कई सेंटरों को बंद कर दिया।
इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए ईडी ने FIIT JEE के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान इस कोचिंग इंस्टीट्यूट के नोएडा, गुरुग्राम और दिल्ली स्थित सात सेंटरों और इसके मालिक डीके गोयल, कंपनी के अन्य अधिकारियों और उनके कार्यालयों के ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंची थी।
इस मामले में ईडी की तरफ से PMLA (धनशोधन रोकथाम अधिनियम) के तहत दर्ज यह मामला नोएडा, लखनऊ, दिल्ली, भोपाल और कुछ अन्य शहरों में स्कूली छात्रों और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के अभिभावकों द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई कई FIR पर आधारित है।
इन FIR में आरोप लगाया गया है कि फिटजी के वरिष्ठ प्रबंधन ने गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक सेवाएं देने के बहाने विद्यार्थियों और अभिभावकों से फीस के रूप में बड़ी राशि वसूली, लेकिन इसके बदले में वादा की गई शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने में विफल रहा। साथ ही बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और शैक्षिक कदाचार में लिप्त रहा।
ईडी की जांच में पाया गया कि फिटजी ने 2025-26 और 2028-29 के बीच चार शैक्षणिक सत्रों के लिए कुल 14,411 विद्यार्थियों से लगभग 250.2 करोड़ रुपए बतौर शुल्क वसूले। ईडी ने कहा, ‘फिटजी ने मौजूदा बैच के विद्यार्थियों से शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने के बहाने बड़ी रकम एकत्र की, जो अंततः प्रदान नहीं की गईं।’
ईडी ने कहा कि धन का निजी और अनधिकृत इस्तेमाल किया गया तथा शिक्षकों के वेतन का भी भुगतान नहीं किया गया। परिणामस्वरूप मुंबई और दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, लखनऊ, मेरठ, नोएडा, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत कई जगहों पर 32 कोचिंग सेंटर अचानक बंद हो गए, जिससे लगभग 15,000 विद्यार्थियों और अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
एजेंसी ने कहा कि उसने तलाशी के दौरान अभियोजनयोग्य दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए, जिनसे गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का संकेत मिलता है तथा इन सामग्रियों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि धन की हेराफेरी करने की एक सुनियोजित और सोची समझी योजना बनाई गई थी।