वीजा रद्द करने के खिलाफ HC पहुंची पाकिस्तानी महिला, कोर्ट ने कहा- यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक पाकिस्तानी महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। महिला ने अपनी याचिका में भारत सरकार को उसका आवासीय परमिट रद्द नहीं करने और इसे आगे बढ़ाने का निर्देश देने की मांग की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक पाकिस्तानी महिला की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। महिला ने अपनी याचिका में भारत सरकार को उसका आवासीय परमिट रद्द नहीं करने और इसे आगे बढ़ाने का निर्देश देने की मांग की थी।
पाकिस्तानी महिला की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा कि 27 अप्रैल से पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के केंद्र के फैसले की न्यायिक समीक्षा की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जुड़ा है। जस्टिस दत्ता ने कहा कि केंद्र के आदेश में कोई अपवाद बनाना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
भारतीय व्यक्ति से विवाहित पाकिस्तानी महिला ने अपने वीजा रद्द किए जाने के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आग्रह किया कि वह अधिकारियों को उसके दीर्घकालिक वीजा के अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दे। उसने केंद्र को उसके आवासीय परमिट को निलंबित नहीं करने और इसे आगे बढ़ाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि भारत सरकार के आदेश के परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता का वीजा रद्द कर दिया गया है। याचिकाकर्ता के दीर्घकालिक वीजा के आवेदन (23-04-2025) के प्रसंस्करण में भी बाधा उत्पन्न हुई है। याचिकाकर्ता 25 अप्रैल के भारत सरकार के आदेश से उत्पन्न होने वाले परिणामों को दरकिनार करना चाहता है। प्रथम दृष्टया, विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 3(1) के तहत जारी किया गया उपरोक्त आदेश किसी भी न्यायिक समीक्षा की गारंटी नहीं देता है, क्योंकि इसे जारी करने के पीछे गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विचार थे।
अपने आदेश में अदालत ने उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के अनुसार, विदेशी अधिनियम के तहत भारत से विदेशियों को निष्कासित करने की केंद्र की शक्ति पूर्ण और अप्रतिबंधित है। कोर्ट के इस आदेश के बाद याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका वापस ले ली।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थीं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।