नई दिल्ली सीट पर कितने वोट काट पाए संदीप दीक्षित, केजरीवाल की हार में कितना रोल?
Delhi Election Result: दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 27 साल का सूखा खत्म करते हुए जीत दर्ज कर ली है। यहां तक कि अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए हैं। जानें नई दिल्ली सीट पर कितने वोट काट पाए संदीप दीक्षित...

दिल्ली चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त देते हुए 27 साल का सूखा खत्म कर दिया है। भाजपा ने 48 सीटें हासिल की हैं जबकि आम आदमी पार्टी को 22 सीटों से संतोष करना पड़ा है। वहीं कांग्रेस को एकबार फिर एक भी सीट नहीं मिली है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए हैं। भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 मतों से हरा दिया है। इस रिपोर्ट में जानें नई दिल्ली सीट पर कितने वोट काट पाए संदीप दीक्षित...
निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रवेश वर्मा को 30,088 जबकि केजरीवाल को 25,999 वोट मिले हैं। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4089 मतों से शिकस्त दी है। संदीप दीक्षित को काफी मायूसी मिली है। उन्हें महज 4568 वोट मिले हैं।
कुल मिलकर देखें तो अरविंद केजरीवाल जितने मतों से हार रहे हैं यदि संदीप दीक्षित नहीं लड़ते और उनके कुल वोट केजरीवाल को ट्रांसफर हो जाते तो काफी गुजाइश थी कि केजरीवाल जीत जाते। ऐसा भी कहा जा सकता है कि केजरीवाल की हार में तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ताबूत की आखिरी कील साबित हुए हैं।
गौरतलब है कि संदीप दीक्षित ने चुनाव ही नहीं लड़ा। वह अपने चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल के खिलाफ लगातार हमला बोलते रहे। वह केजरीवाल सरकार की कमियों को मीडिया में पूरी ताकत से उठाते रहे। माना जा रहा है कि केजरीवाल के खिलाफ जनमत तैयार करने में संदीप दीक्षित के तीखे हमलों हमलों की भी भूमिका रही।
संदीप दीक्षित मीडिया में केजरीवाल के खिलाफ चुन-चुन कर बयान देते रहे। वह केजरीवाल पर झूठ बोलने और दिल्ली की जनता को गुमराह करने के आरोप लगाते रहे। अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केजरीवाल की हार में शराब को बड़ा कारण बताया है। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों पर फोकस करने के कारण केजरीवाल की हार हुई है। मैं पहले से कह रहा हूं कि उम्मीदवार का चरित्र अच्छा होना चाहिए। मैंने केजरीवाल बार-बार इस ओर इशारा किया लेकिन उन्हें समझ नहीं आया।