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पेट पर भी निकले थे 2 पैर, दिल्ली एम्स का कमाल; चार पांव वाले लड़के को दिया नया जीवन

एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने एक बड़ा चमत्कार किया है। दिल्ली एम्स के डॉक्टरों ने 17 साल के एक लड़के को उसके पेट पर निकले दो अतिरिक्त पैरों को एक जटिल ऑपरेशन से हटा कर नया जीवन दिया है।

Krishna Bihari Singh हिन्दुस्तान, हेमंत राजौरा, नई दिल्लीTue, 25 Feb 2025 09:09 PM
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पेट पर भी निकले थे 2 पैर, दिल्ली एम्स का कमाल; चार पांव वाले लड़के को दिया नया जीवन

एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने एक अनोखे और जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 17 साल के एक लड़के को नई जिंदगी दी है। इस लड़के के जन्म से ही उसके पेट पर दो अतिरिक्त पैर थे, जो दरअसल उसके अधूरे विकसित जुड़वां भ्रूण का हिस्सा थे। गर्भ में अविकसित बच्चे के पैर उसके दूसरे विकसित बच्चे के शरीर में जुड़े हुए थे। समय के साथ ये पैर बढ़ते जा रहे थे और आंतरिक अंगों पर दबाव डाल रहे थे, जिससे उसकी जान को खतरा था।

जैसे गोदी में दूसरा बच्चा हो

डॉक्टरों ने बताया कि यह बच्चा हमारे पास कई अस्पतालों में होकर आया। जब यह हमारे पास आया तो इसके पेट को कपड़े से ढका हुआ था तो ऐसा लग रहा था कि जैसे इसकी गोदी में दूसरा बच्चा है। जब इसके ऊपर से कपड़ा हटाया गया तो हम दंग रह गए।

देश का पहला ऐसा ऑपरेशन

एम्स के डॉ. कृष्णन ने बताया कि यह इस उम्र के किसी बच्चे में देश का पहला ऐसा ऑपरेशन था। आमतौर पर जन्मजात विकृतियों को जितनी जल्दी ठीक किया जाए, उतना ही बेहतर परिणाम मिलता है।

जुड़वां भ्रूण का सिर पेट के अंदर बना गांठ

डॉक्टरों के मुताबिक, यह स्थिति 'इनकंप्लीट पैरासाइट ट्विन' कहलाती है। इसमें गर्भ में जुड़वां बच्चों में एक का विकास रुक जाता है, अविकसित बच्चा दूसरे के साथ जुड़ा रहता है, उसके अंग भी जुड़ जाते हैं। ऐसे में बच्चा 4 पैर या हाथ के साथ पैदा होता है। गर्भ में ही यह पता लगाया जा सकता था, लेकिन समय पर अल्ट्रासाउंड न होने के कारण यह विकृति जन्म के बाद भी बनी रही।

चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशन

एम्स के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. मनीष सिंघल ने बताया कि भ्रूण का सिर बच्चे के पेट के अंदर एक गांठ के रूप में मौजूद था और दो पैर पेट के ऊपर विकसित हो गए थे। इसका ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह शरीर के आंतरिक हिस्सों पर दबाव डाल रहा था और समय के साथ बढ़ रहा था।

यह थी बड़ी चुनौती

ऑपरेशन के दौरान एक बड़ी समस्या रक्तस्राव की थी। पेट पर उगे पैरों में करीब ढाई लीटर खून बह रहा था। डॉक्टरों ने विशेष तकनीक से नसों को दबाकर और धमनियों को बांधकर रक्त प्रवाह को नियंत्रित किया। इस बच्चे की सर्जरी बेहद चुनौतीपूर्ण थी।

इन विशेषज्ञों की बड़ी टीम शामिल

एम्स के डॉक्टरों की एक बड़ी टीम ने इस दुर्लभ सर्जरी को अंजाम दिया। इसमें सर्जन डॉ. आसुरी कृष्णन, डॉ. वी.के. बंसल, प्लास्टिक सर्जन डॉ. मनीष सिंघल, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. राकेश और रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अंकिता अग्रवाल सहित कई विशेषज्ञ शामिल थे।

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