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दिल्ली में बेटी ने मां को दिलाया इंसाफ, अहम 'सबूत' देकर भिजवाया जेल; पिता सहित 6 को उम्रकैद

रोहिणी जिला अदालत ने वर्ष 2018 में एक शिक्षिका की हत्या के मामले में पति समेत छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि मृतक की बेटी ने अहम सबूत देकर मां की हत्या के दोषियों को सलाखों के पीछे भिजवा दिया है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 1 May 2025 06:22 AM
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दिल्ली में बेटी ने मां को दिलाया इंसाफ, अहम 'सबूत' देकर भिजवाया जेल; पिता सहित 6 को उम्रकैद

रोहिणी जिला अदालत ने वर्ष 2018 में एक शिक्षिका की हत्या के मामले में पति समेत छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि मृतक की बेटी ने अहम सबूत देकर मां की हत्या के दोषियों को सलाखों के पीछे भिजवा दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र राणा की अदालत ने कहा कि यह एक सुनियोजित और निर्मम हत्या थी, जिसमें मॉडल के साथ अवैध संबंधों को छिपाने और प्यार में बाधा बन रही पत्नी को मौत के घाट उतार दिया गया। यह मामला दुर्लभ श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए आरोपियों को मृत्युदंड नहीं दिया गया।

अदालत ने पति मंजीत सहरावत, मॉडल एंजेल गुप्ता, धर्मेंद्र, दीपक, विशाल उर्फ जॉनी और शहजाद सैफी को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी करार दिया था। सैफी, विशाल और धर्मेंद्र को आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी माना है। अदालत ने मृतक के दोनों बच्चों (बेटा व बेटी) को एक-एक लाख रुपये देने का आदेश दिया है।

दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दीं

दोषियों के वकील ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि वे पहली बार अपराध में लिप्त हुए हैं। उनका आचरण ट्रायल के दौरान अच्छा रहा और वे अपने-अपने परिवारों के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं, जबकि अतिरिक्त लोक अभियोजक डॉ. राज रानी ने मृत्युंदड की मांग करते हुए कहा कि यह हत्या एक निर्दोष महिला की है। बता दें कि 29 अक्तूबर, 2018 को सुबह करीब आठ बजे घर से निकलते समय हमलावरों ने सुनीता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच के दौरान पुलिस ने महिला के पति मंजीत और उसकी प्रेमिका एंजेल के अलावा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

मृतका की डायरी बनी सबसे अहम सबूत

मृतका की बेटी ने पुलिस को वह डायरी सौंपी थी, जिसमें उसकी मां ने अपने पति मंजीत के मॉडल एंजेल के साथ अवैध संबंधों का जिक्र किया था। डायरी पूरे मामले में सबसे अहम सबूत साबित हुई। अदालत ने इस बात को स्वीकार किया कि यदि बेटी हिम्मत जुटाकर अपनी मां की डायरी को नहीं सौंपती, तो यह हत्या एक रहस्य बनकर ही रह जाती।

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