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ग्रेटर नोएडा में 200 करोड़ से अधिक की 631 एकड़ जमीन पर चला बुलडोजर, कॉलोनी ध्वस्त

नोएडा जिला प्रशासन ने सदर तहसील में 200 करोड़ से अधिक कीमत की 631 एकड़ सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवाया है। उक्त जमीन पर अवैध फार्म हाउस और कॉलोनी का निर्माण कर दिया गया था।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, नोएडाMon, 10 Feb 2025 10:52 PM
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ग्रेटर नोएडा में 200 करोड़ से अधिक की 631 एकड़ जमीन पर चला बुलडोजर, कॉलोनी ध्वस्त

नोएडा जिला प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा के सदर तहसील में 200 करोड़ से अधिक कीमत की 631 एकड़ सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटवाया है। यह कार्रवाई जनवरी से दिसंबर 2024 तक हुई है। उक्त जमीन पर कॉलोनाइजरों ने कब्जा कर अवैध फार्म हाउस और कॉलोनी का निर्माण कर दिया था। इसके अलावा कई गांव में तालाबों की जमीन पर कब्जा कर वहां पक्के भवन का निर्माण किया हुआ था। यह भूमि अब कब्जा मुक्त हो चुकी है।

सदर एडीएम चारुल यादव व तहसीलदार अजय कुमार ने बताया कि कॉलोनाइजरों ने मोतीपुर, सिकंदरपुर, घरबरा व लखनावली समेत कई गांवों में डूब क्षेत्र व ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा कर फार्म हाउस का निर्माण करा रहे थे। इसके अलावा कुलेशरा, शहदरा, जगनपुर समेत अन्य गांवों में सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉटिंग कर रहे थे। प्रशासन को इस बारे में जानकारी होने पर योजनाबद्ध तरीके से यहां पुलिस के साथ पहुंचकर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई।

इन सभी गांवों से तहसील प्रशासन ने एक हजार वर्गमीटर से अधिक जमीन पर बन रहे फार्म हाउस व अवैध कॉलोनी को हटाया। इसके अलावा लुक्सर, दनकौर, थोरा, प्यावली समेत अन्य गांवों में तालाब की 9.61 वर्गमीटर जमीन को कब्जा मुक्त कराया। सालभर में प्रशासन ने तहसील क्षेत्र में 631 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण को जमींदोज कराया है। उक्त जमीन की कीमत 200 करोड़ रुपए से अधिक है। प्रशासन का कहना है कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभी भी निरंतर कार्रवाई जारी है।

यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित सालिटिरियन सिटी के खरीदारों ने निर्माणाधीन साइट पर रविवार को प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि 10 साल बीतने के बाद भी अभी तक बिल्डर प्रबंधन द्वारा उन्हें घरों पर कब्जा नहीं दिया है। खरीदारों का कहना है कि 2014 में उन्होंने बिल्डर की परियोजना में निवेश किया था। प्रोजेक्ट को 2018 में पूरा कर कर खरीदारों को हैंडोवर देना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अभी तक प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया गया है। जिसके कारण खरीदारों को कब्जा नहीं मिल पा रहा है।

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