देश के पूर्वी हिस्से से जुड़ेगा NCR, बोड़ाकी स्टेशन पर दौड़ेगी वंदे भारत सहित 100 ट्रेने; बनेंगे 12 प्लेटफॉर्म
ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में एक रेलवे स्टेशन बनने वाला है जो एनसीआर को देश के पूर्वी हिस्से से जोड़ेगा। इसे ग्रेटर नोएडा टर्मिनल कहा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह उत्तर भारत के सबसे आधुनिक हब में से एक हो सकता है।

ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में एक रेलवे स्टेशन बनने वाला है जो एनसीआर को देश के पूर्वी हिस्से से जोड़ेगा। इसे ग्रेटर नोएडा टर्मिनल कहा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह उत्तर भारत के सबसे आधुनिक हब में से एक हो सकता है। जिसपर वंदे भारत और अन्य प्रीमियम एक्सप्रेस सहित 100 ट्रेनों को चलाया जा सकता है।
176 हेक्टेयर के बड़े मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के अंदर 46 हेक्टेयर में फैले इस स्टेशन में व्यापक रखरखाव कार्यों के लिए 12 प्लेटफॉर्म और 63 यार्ड लाइनें होंगी। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर रेलवे ऑपरेशन होंगे, ऊपर की मंजिलों में कमर्शियल स्पेस होंगे, जिसमें मिश्रित उपयोग वाला विकास होगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पूरक के रूप में - जहां कुछ महीनों बाद परिचालन शुरू होने वाला है। उससे एक घंटे से भी कम की दूरी पर स्थित यह स्टेशन, दिल्ली-एनसीआर और पूर्वी भारत के बीच कनेक्टिविटी में मदद करेगा।
ट्रांसपोर्ट हब, जिसका ग्रेटर नोएडा टर्मिनल एक हिस्सा होगा। यह एक अंतर-राज्यीय बस स्टैंड, एक स्थानीय बस टर्मिनल और डिपो स्टेशन को बोडाकी से जोड़ने वाले मेट्रो कॉरिडोर को एकीकृत करेगा, जो ग्रेटर नोएडा, नोएडा और एनसीआर शहरों के यात्रियों के लिए एक कनवर्जेंस पाइंट होगा। इसके डिजाइन में किए बदलावों के बाद परियोजना का दायरा शुरुआती अवधारणा के बाद से काफी बदल गया है। इसके लिए पहले 1,850 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। टीओआई कोअधिकारियों ने बताया कि इसकी बढ़ी हुई क्षमताओं के साथ बजट के दोगुना होने की उम्मीद है।
ग्रेटर नोएडा टर्मिनल चालू होने पर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और अन्य एनसीआर शहरों से पूर्व की ओर जाने वाले यात्री यातायात को कम करेगा। इससे दिल्ली के मौजूदा ट्रांसिट पॉइंट- विशेष रूप से आनंद विहार - पर भीड़भाड़ काफी हद तक कम हो जाएगी। एयरपोर्ट, फिल्म सिटी और मेडिकल डिवाइस पार्क सहित क्षेत्र में अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ, परिवहन केंद्र इस आर्थिक गलियारे में आर्थिक विकास और शहरी विकास को गति देगा।