बड़ौदा की महारानी के लिए बनी थी दुनिया की यह इकलौती कार, अनूठा है डिजाइन; यहां देख सकते हैं इसे आप
दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर स्थित लीला एंबियंस गोल्फ ग्रींस में चल रहे 21 गन सल्यूट कॉनकोर्स डी एलीगेंस के दूसरे दिन शनिवार को ऑटो शो प्रदर्शित किया गया। एशिया के सबसे बड़े ऑटो शो को देखने के लिए देश विदेश के लोग पहुंचे। इसमें बड़ौदा की महारानी शांथा देवी की कार आकर्षण का केंद्र रही।
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दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर स्थित लीला एंबियंस गोल्फ ग्रींस में चल रहे 21 गन सल्यूट कॉनकोर्स डी एलीगेंस के दूसरे दिन शनिवार को ऑटो शो प्रदर्शित किया गया। एशिया के सबसे बड़े ऑटो शो को देखने के लिए देश विदेश के लोग पहुंचे। इसमें गुजरात के वडोदरा (बड़ौदा) की महारानी शांथा देवी की कार आकर्षण का केंद्र रही।
वर्ष 1948 मॉडल बेंटले मार्क 6 ड्रॉपहेड कूप भी इस विंटेज कार प्रदर्शनी का हिस्सा बनी। यह दुनिया में एक ही कार है। अनूठे इंटीरियर और डिजाइन के साथ यह दुर्लभ कार अब कई वर्षों के बाद भारत लौटी है। इस कार का संरक्षण मदन मोहन ने हासिल किया है। वहीं, राजकोट के महाराज मांधाता सिंह जड़ेजा की कार भी 21 गन सेलूट कांसौर्स डी एलिगेंस का हिस्सा बनीं। राजकोट महाराज की 1928 क्रिसलर पहले दरभंगा के महाराज की शाही सवारी का हिस्सा थी। बाद में यह कार गोयनका के पास थी। अब यह कार राजकोट के महाराज मांधाता सिंह जड़ेजा के पास आ गई है। वहीं ऑटो शो में कथकली, भरतनाट्यम, भांगड़ा और गिद्दा जैसी भारतीय लोक नृत्य शैलियों की प्रस्तुति ने समां बांध दिया।
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महारानी के अनुरोध पर नहीं बनी दूसरी कार
विंटेज कार रैली में वडोदरा (बड़ौदा) की तत्कालीन महारानी शांथा देवी की कार आकर्षण का केंद्र रही। महारानी के अनुरोध पर बेंटले कंपनी ने वर्ष 1948 मॉडल बेंटले मार्क VI ड्रॉपहेड कूप विंटेज कार दूसरी नहीं बनाई। ऑटो शो में 125 से अधिक दुर्लभ विंटेज कार और 50 बाइक प्रदर्शित की जा रही हैं। शनिवार को देश-दुनिया से लोग यहां पहुंचे। रविवार को अंतिम दिन सुबह 10:30 से शाम पांच बजे तक इसे देखे सकेंगे।
रॉल्स-रॉयस विंटेज कारों ने लुभाया
ऑटो शो में विशेष आकर्षण का केंद्र रॉल्स-रॉयस की विंटेज कारों की भव्य प्रदर्शनी रही। इसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 1903 का दे डियोन बुटॉन, जो इस कॉनकोर्स में सबसे पुरानी कार थी, जिसे हेमंत कुमार रूइया ने प्रदर्शित किया। रूइया ने कहा, इस सौ साल पुराने नायाब खजाने को प्रदर्शित करना हमारे लिए गर्व की बात है। चेन्नई के शंकर सुंदर ने 1938 एमजीटीए टिकफोर्ड डीएचसी का प्रदर्शन किया। 1935 की ब्यूक 90एल (पूर्व अयोध्या) भी आकर्षण का केंद्र रही। इसे अब दिलजीत टाइटस के स्वामित्व में रखा गया है। वहीं ऑटो शो में आई कारों को अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, बेल्जियम समेत कई देशों से आए अंतरराष्ट्रीय जूरी सदस्यों ने बारीकी से मूल्यांकन किया।
देश-विदेश की विंटेज कार आकर्षण का केंद्र बनीं
दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर स्थित लीला एंबियंस गोल्फ ग्रींस में ऑटो शो के दूसरे दिन शनिवार को देश-विदेश की कई विटेंज कार प्रदर्शित की गईं। रॉल्स-रॉयस की विंटेज कार के साथ भारतीय राजघरानों की पुरानी कार भी आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। बड़ी संख्या में लोग इन कारों को देखने के लिए पहुंचे।