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5 साल में सिर्फ 74 दिन चली 7वीं दिल्ली विधानसभा, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली विधानसभा को लेकर एक संस्था की ओर से जारी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 7वीं दिल्ली विधानसभा में 5 साल के कार्यकाल में केवल 74 दिन ही बैठक बुलाई गई।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीSat, 18 Jan 2025 06:06 PM
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5 साल में सिर्फ 74 दिन चली 7वीं दिल्ली विधानसभा, रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली विधानसभा को लेकर एक संस्था की ओर से जारी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 7वीं दिल्ली विधानसभा में 5 साल के कार्यकाल में केवल 74 दिन ही बैठक बुलाई गई।

थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार 7वीं दिल्ली विधानसभा पांच साल में सिर्फ 74 दिनों के लिए बुलाई गई। यह पिछली सभी विधानसभाओं की तुलना में सबसे कम दिन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई मौकों पर सदन की बैठक केवल एक या दो दिन के लिए ही हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल विधानसभा सत्र बुलाया जाता था और उसे कई हिस्सों में बांटा जाता था। प्रत्येक वर्ष के भीतर सत्रों को बिना सत्रावसान के स्थगित कर दिया जाता था। उपराज्यपाल सत्र बुलाते हैं और सत्रावसान करते हैं, वहीं विधानसभा अध्यक्ष सत्र के दौरान बैठकें बुलाते हैं।

7वीं दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 20 फरवरी, 2020 को शुरू हुआ। पांच भागों में आयोजित होने के बाद 3 मार्च, 2021 को इसका सत्रावसान कर दिया गया। दूसरा सत्र 3 मार्च, 2021 को शुरू हुआ और चार भागों में आयोजित होने के बाद 8 मार्च, 2022 को सत्रावसान कर दिया गया। तीसरा सत्र 8 मार्च, 2022 को शुरू हुआ और चार भागों में चलने के बाद 9 मार्च, 2023 को सत्रावसान कर दिया गया। चौथा सत्र 9 मार्च, 2023 को बुलाया गया और चार भागों में आयोजित होने के बाद 7 फरवरी, 2024 को सत्रावसान हुआ। वहीं, पांचवां सत्र 7 फरवरी, 2024 को बुलाया गया था और अभी तक इसका सत्रावसान नहीं किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, 5 वर्षों में केवल 14 विधेयक पारित किए गए, जो इसके पिछले सभी कार्यकालों में सबसे कम है। इन 14 विधेयकों में से भी 5 विधायकों के वेतन से संबंधित थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी बिल या तो एक ही दिन या अगले दिन पारित कर दिए गए। कुल 74 दिनों की बैठक में केवल नौ दिन प्रश्नकाल आयोजित किया गया।

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2020 से 2025 के बीच विधायकों ने प्रति वर्ष औसतन 219 प्रश्न पूछे। इसके विपरीत 2019 और 2024 के बीच लोकसभा में सांसदों ने सालाना औसतन 8,200 प्रश्न पूछे। बता दें कि 8वीं दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

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