Hindi Newsदेश न्यूज़why earthquake often in delhi ncr how big danger on region

दिल्ली-NCR में क्यों आते हैं इतने भूकंप? खतरनाक जोन में हैं IGI एयरपोर्ट समेत ये इलाके

  • दिल्ली एनसीआर में अकसर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। राजधानी दिल्ली सीस्मिक जोन 5 के अंदर आती है। यहां 8 से 9 तीव्रता के भूकंप का खतरा भी बना रहता है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानMon, 17 Feb 2025 08:39 AM
share Share
Follow Us on
दिल्ली-NCR में क्यों आते हैं इतने भूकंप? खतरनाक जोन में हैं IGI एयरपोर्ट समेत ये इलाके

राजधानी दिल्ली और आसपास सोमवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। आवाज के साथ आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 थी। भूकंप की वजह से लोग डर गए और घरों से बाहर निकल आए। दिल्ली एनसीआर में अकसर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। 23 जनवरी को भी दिल्ली भूकंप से हिल गई थी। एक महीना भी नहीं पूरा हुआ और दूसरा झटका लग गया। जानकारी के मुताबिक इस बार भूकंप का केंद्र दिल्ली में ही था। इसकी गहराई 5 किलोमीटर बताई गई है। केंद्र राजधानी में होने की वजह से इमारतों में जोरदार कंपन हुआ जिसकी वजह से आवाज भी सुनाई दी। हालांकि किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

NCR में क्यों आते हैं इतने भूकंप

दिल्ली एनसीआर के साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। दरअसल दिल्ली एनसीआर भूकंपीय क्षेत्र 5 में आता है। इस इलाके में तेज भूकंप आने का खतरा बना ही रहता है। दिल्ली के कई इलाके हाई सीस्मिक जोन में हैं। भारत मे 2 से लेकर 5 तक सीस्मिकजोन हैं। दिल्ली सीस्मिक जोन 5 में आता है। ऐसे में यहां 8 से 9 तीव्रता के भूकंप का भी खतरा बना हुआ है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि दिल्ली एनसीआर पर बड़े खतरे का अंदेशा बना ही रहता है।

भूकंप के लिहाज से दिल्ली को भी तीन हिस्सों में बांटा गाय गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यमुना किनारे, उत्तरी दिल्ली और दक्षिण पश्चिम दिल्ली का कुछ हिस्सा ज्यादा खतरे वाले इलाके में है। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय का नॉर्थ कैंपस, सरिता विहार, वजीराबाद, रिठाला, जहांगीरपुरी, बवाना और जनकपुरी शामिल हैं।

ये भी पढ़ें:अभी सतर्क रहना है, भूकंप के बाद फिर लग सकते हैं झटके; क्या करें-क्या नहीं

वहीं दूसरे सबसे खतरनाक इलाकों में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी आता है। इसके अलावा बुराड़ी, नजफगढ़ जैसे इलाके भी इस जोन में शामिल हैं। रिपर्ट के मुताबिक लिटियन्स जोन भी भूकंप संभावित सीस्मिक जोन में है। यहां संसद भवन और ज्यादातर मंत्रालय हैं। वहीं एम्स, नारायणा और जेएनयू सुरक्षित जोन में आते हैं।

देश के कुछ इलाके सुरक्षित क्षेत्रों में आते हैं। इनमें कोरोमंडल तट, हैदराबाद, बेंगलुरु और मध्य भारत के इलाके हैं। वहीं कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और भुवनेशनवर को मध्यम जोखिम वाले क्षेत्रों में रखा गया है। जोन 4 में लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, पंजाब और हरियाणा आते हैं। बता दें कि धरती के अंदर टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने की वजह से भूकंप आते हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें