बजट में जम्मू-कश्मीर को क्या मिला? विपक्षी बोले- चुनाव परिणाम की सजा मिल रही
- जम्मू-कश्मीर के इस बार पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले ज्यादा बजट आवंटित किया गया है। वहीं बीजेपी के विरोधी दलों का कहना है कि बजट निराशाजनक है। लोगों को जनादेश की सजा दी गई है।
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केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बजट आवंटित किया है। इसके बाद भी विपक्षी केंद्र पर हमलावर हैं। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लिहाज से यह बजट बेहद निराशाजनक है। केंद्र ने 2025-26 के यूनियन बजट में जम्मू-कश्मीर को 41,000.07 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान के लगभग बराबर है।
इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर पुलिस को 9,325.73 करोड़ रुपये मिलेंगे। वर्ष 2024-25 में पुलिस के लिए 8,665.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और पूर्ववर्ती राज्य के पुनर्गठन के बाद से जम्मू-कश्मीर पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियंत्रित है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को प्रस्तुत बजट में जम्मू-कश्मीर में संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए केंद्रीय सहायता के रूप में 40,619.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
केंद्र शासित क्षेत्र आपदा मोचन कोष में योगदान के लिए अनुदान के रूप में 279 करोड़ रुपये तथा पूंजीगत व्यय के लिए सहायता के रूप में 101.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्र ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जम्मू-कश्मीर को 42,277.74 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिसे बाद में संशोधित कर 41,000.07 करोड़ रुपये कर दिया गया। वित्त वर्ष 2023-24 में जम्मू-कश्मीर के लिए आवंटन 41,751.44 करोड़ रुपये था।
पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अधिक
वित्त वर्ष 2025-26 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए आवंटन 2024-25 की तुलना में 659.79 करोड़ रुपये अधिक है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि यह राशि प्रशासनिक व्यय को पूरा करने के लिए है। जम्मू-कश्मीर पुलिस केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था और यातायात प्रबंधन को बनाए रखने तथा लागू करने के लिए जिम्मेदार है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बजट को ‘‘व्यावहारिक’’ बताया और कहा कि यह भारत के विकास और निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने की बढ़ती आकांक्षा को दर्शाता है।
बजट को लेकर केंद्र पर हमला
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी और कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने बजट आवंटन को ‘निराशाजनक’ बताया। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुलगाम के विधायक तारिगामी ने कहा कि जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, यह बेहद निराशाजनक है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, संकटग्रस्त व्यवसाय और आजीविका के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान नहीं दिया। जम्मू-कश्मीर को अधिक सहायता प्रदान करने के बजाय 2024-25 के वास्तविक बजट की तुलना में आवंटन कम कर दिया है।’
तारिगामी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि वे 2024 के विधानसभा चुनावों के जनादेश के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को सजा दे रहे हैं, जो उनके अनुकूल नहीं था।’ जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी बजट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें क्षेत्र की अनदेखी की गई, जबकि सबसे अधिक प्रभावित लोगों, विशेषकर बेरोजगार युवाओं को राहत प्रदान करने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा, ‘बजट विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक कारणों से बिहार और दिल्ली पर अधिक केंद्रित था।’