तमिलनाडु के मंत्री बालाजी और पोनमुडी का इस्तीफा, दोनों को कोर्ट ने लगाई थी फटकार
स्टालिन ने अपने मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल करते हुए बालाजी के भारी-भरकम विभागों बिजली, और आबकारी एवं निषेध को क्रमशः परिवहन मंत्री एस एस शिवशंकर और आवास मंत्री एस मुथुसामी को आवंटित किया है।

तमिलनाडु के विवादित मंत्री और वरिष्ठ डीएमके नेता सेंथिल बालाजी और के पोनमुडी ने रविवार रात राज्य कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। कुछ दिन पहले ही बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने पद और आजादी के बीच एक का चयन करने को कहा था। उनका इस्तीफा शीर्ष अदालत में उनकी अगली सुनवाई की पूर्व संध्या पर आया है। पोनमुडी को महिलाओं, शैव और वैष्णव धर्म पर उनके अश्लील मजाक के लिए मद्रास हाई कोर्ट ने फटकार लगाई थी। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने अपने मंत्रिमंडल में मामूली फेरबदल करते हुए बालाजी के भारी-भरकम विभागों बिजली, और आबकारी एवं निषेध को क्रमशः परिवहन मंत्री एस एस शिवशंकर और आवास मंत्री एस मुथुसामी को आवंटित किया है। आबकारी विभाग राज्य द्वारा संचालित शराब एकाधिकार तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (TASMAC) को नियंत्रित करता है।
पोनमुडी के वन मंत्रालय को खादी मंत्री आर एस राजकन्नप्पन को अतिरिक्त प्रभार के रूप में आवंटित किया गया है। स्टालिन ने टी मनो थंगराज को भी कैबिनेट में वापस लेकर आए हैं, जिन्हें सितंबर 2024 में कैबिनेट से हटा दिया गया था। मंत्री पद के लिए मनोनीत थंगराज के पोर्टफोलियो की घोषणा अभी बाकी है। राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यपाल आर एन रवि सोमवार को शाम छह बजे उन्हें शपथ दिलाएंगे। बालाजी को 15 महीने जेल में बिताने के बाद 26 सितंबर, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया था। इसके तीन दिन बाद ही उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया और उन्हें बिजली और आबकारी मंत्रालय वापस दे दिए गए।
पोनमुडी को हाल ही में डीएमके के उप सचिव पद से हटा दिया गया था। 6 अप्रैल को उनके भाषण ने विवाद पैदा कर दिया था, जिसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ केस शुरू किया था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को बालाजी से कहा था कि वह अपने पद और जमानत के बीच किसी एक को चुनें, क्योंकि ईडी ने उन्हें जून 2023 में नौकरी के लिए पैसे लेने के घोटाले में गिरफ्तार किया था। यह घोटाला 2011-2016 की एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हुआ था। इसके बाद उन्होंने डीएमके का दामन थाम लिया था।