बंगाल में बवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट बोला- वक्फ पर हिंसा टेंशन बढ़ाने वाली
- सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर सुनवाई के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर चिंता जताई और इसे परेशान करने वाला बताया। हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई थी और हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा था।

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ कानून को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान, कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर पिछले दिनों हुई हिंसा पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर जो हिंसा हुई है, वह टेंशन बढ़ाने वाली है और जबकि मामला कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा पर चिंता जताई और कहा, ''यह परेशान करने वाली बात है, क्योंकि अदालत वक्फ अधिनियम के मामले पर सुनवाई कर रही है।''
संसद के दोनों सदनों से वक्फ अधिनियिम विधेयक के पारित होते ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। मुस्लिम समुदाय ने केंद्र सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की थी। इसी बीच, पश्चिम बंगाल में कई जगह हिंसक घटनाएं सामने आई थीं। मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा के बाद कई हिंदू परिवार अपने घर छोड़कर चले गए थे। शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि पलायन करने वालों की संख्या कम से कम 400 है। इस हिंसा में तीन लोगों की जान भी चली गई है।
वक्फ पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक आदेश पारित करने का प्रस्ताव रखा, जिसके तहत 'वक्फ बाय यूजर' सहित घोषित वक्फ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा। केंद्र ने इसका विरोध करते हुए सुनवाई की मांग की। अब सुप्रीम कोर्ट गुरुवार दोपहर दो बजे भी वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'वक्फ बाय यूजर' को खत्म करने से समस्या पैदा होगी, इसका कुछ दुरुपयोग हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की खंड पीठ ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 70 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सी यू सिंह पेश हुए, जबकि केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की। याचिका में तर्क दिए गए हैं कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25, 26 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का सरासर उल्लंघन करता है।
मुर्शिदाबाद हिंसा को ममता ने बताया पूर्व नियोजित
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हुई सांप्रदायिक हिंसा को पूर्व नियोजित करार दिया और बीएसएफ के एक वर्ग, गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय एजेंसियों और भाजपा पर बांग्लादेश से सीमा पार से घुसपैठ की कथित रूप से सुविधा प्रदान करके तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मुस्लिम धार्मिक नेताओं के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'अत्याचारी' वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लागू न करने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि यह देश को विभाजित करेगा, और उनसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर लगाम लगाने का अनुरोध किया, जिन पर उन्होंने 'अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए देश को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाने' का आरोप लगाया।