Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme court says Assam govt should have better things to do in Beef case

इससे ज्यादा जरूरी काम कर लेने चाहिए… सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को क्यों सुनाया?

  • सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान असम सरकार को फटकार लगाई है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इस तरह के मामलों पर ध्यान देने की बजाय सरकार को बेहतर और इससे ज्यादा जरूरी कामों पर ध्यान देने की जरूरत है।

Jagriti Kumari पीटीआई, नई दिल्लीFri, 21 Feb 2025 08:20 PM
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इससे ज्यादा जरूरी काम कर लेने चाहिए… सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को क्यों सुनाया?

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान असम सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने बीफ ट्रांसपोर्ट करने के शक में एक आरोपी के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान असम सरकार से ऐसे मामलों की बजाय दूसरे कामों पर ध्यान देने की नसीहत दी है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकार को ऐसे लोगों के पीछे भागने के बजाय बेहतर काम करने चाहिए। बता दें कि इस मामले में जस्टिस एएस ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने आरोपी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी।

इस मामले सरकार का पक्ष रखते हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि गाड़ी रोके जाने के बाद ड्राइवर यह बता नहीं पाया कि गाड़ी में किस जानवर का मांस रखा गया था और बाद में मांस के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया। असम सरकार द्वारा मीट के सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजे जाने की जानकारी दिए जाने के बाद कोर्ट ने कहा, "राज्य को इन लोगों के पीछे भागने के बजाय और बेहतर काम करने चाहिए।"

कोर्ट ने आगे कहा कि कोई शख्स अगर स्पेशलिस्ट नहीं है तो वह सिर्फ देख कर पैक किए गए अलग-अलग जानवरों के मांस में अंतर नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा, “कोई शख्स कैसे जान पाएगा कि यह गोमांस है या कोई और मांस? अगर किसी व्यक्ति के पास मांस है तो वह कैसे पहचान पाएगा कि यह किस जानवर का मांस है?”

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वहीं आरोपी के वकील ने दलील दी कि आरोपी एक गोदाम का मालिक है और उसने केवल पैक किए गए कच्चे मांस को ही ट्रांसपोर्ट किया था। कोर्ट ने असम मवेशी संरक्षण अधिनियम की धारा 8 का हवाला देते हुए कहा कि प्रावधान तभी लागू किया जा सकता है जब आरोपी को पता हो कि बेचा जा रहा मांस गोमांस है। हालांकि सरकार के वकील ने तर्क दिया है कि आरोपी मांस की पैकेजिंग और बिक्री में शामिल था।

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