Record Air Conditioner Sales in India Amidst Rising Temperatures and Environmental Concerns भारत में बढ़ते तापमान के बीच फल फूल रहा एसी का बाजार, India News in Hindi - Hindustan
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भारत में बढ़ते तापमान के बीच फल फूल रहा एसी का बाजार

भारत में गर्मी के कारण एयर कंडीशनर की बिक्री में तेजी आई है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। 2024 में 1.4 करोड़ एसी यूनिटों की बिक्री हुई। दिल्ली की आरती वर्मा जैसे लोग गर्मी से राहत...

डॉयचे वेले दिल्लीTue, 13 May 2025 04:56 PM
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भारत में बढ़ते तापमान के बीच फल फूल रहा एसी का बाजार

भारत में लोग घरों को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर का सहारा ले रहे हैं, इससे घर तो ठंडा रहता है लेकिन इसका असर पर्यावरण पर भी होता है.पिछले साल भारत में रिकॉर्ड संख्या में एसी की बिक्री हुई.दिल्ली की रहने वाली आरती वर्मा उन भारतीयों की बढ़ती संख्या में शामिल होने वाली हैं जो एयर कंडीशनर लगा रहे हैं.उत्तर भारत में गर्मी के मौसम में तापमान कभी-कभी 50 डिग्री के आस पास पहुंच जाता है.ऐसे में गर्मी से बचने के लिए आरती अपनी बचत का इस्तेमाल एसी लगाने के लिए कर रही हैं.भारत में एसी की रिकॉर्डतोड़ बिक्री साल 2024 में भारत में रिकॉर्ड 1.4 करोड़ एयर कंडीशनर यूनिटों की बिक्री हुई, और सदी के मध्य तक घरों में इसके लगाए जाने में नौ गुना वृद्धि का अनुमान है.इससे लाखों लोगों को दफ्तर और घर पर अधिक सुरक्षित और आरामदायक स्थिति मिलेगी.हालांकि एसी की बिक्री बढ़ने से बिजली की मांग भी बढ़ेगी, जो मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले कोयले को जलाकर पैदा की जाती है. दफ्तरों और घरों में ज्यादा एसी लगने से उससे निकलने वाली गर्म हवा में भी बढ़ोतरी होगी.आरती के लिए प्राथमिकता तत्काल राहत हासिल करना है.सेल्स और मार्केटिंग का काम करने वाली आरती को अपने काम के सिलसिले में दिन में कई दुकानों पर जाना पड़ता है और इस दौरान चिलचिलाती गर्मी से जूझना पड़ता है.जरूरत बन गई एसीहर महीने 30,000 रुपये कमाने वाली 25 साल की आरती कहती हैं, "लंबे दिन के बाद घर आकर मुझे कुछ आराम चाहिए होता है" वह अपने दो कमरे के मकान के लिए एसी लगाने के लिए करीब 50,000 रुपये खर्च करेंगी.राजधानी दिल्ली के एक मोहल्ले में रहने वाली आरती ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "पहले मैं छत पर सोती थी, लेकिन आजकल रात में भी इतनी गर्मी होती है कि एसी एक जरूरत बन गई है"भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ एसी बाजार है, लेकिन मौजूदा समय में केवल सात फीसदी घरों में ही एसी है.विशेषज्ञों का कहना है कि इस उछाल का मतलब यह हो सकता है कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को मांग पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन को तीन गुना बढ़ाना होगा.1.4 अरब की आबादी वाला देश पहले से ही जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ग्रीनहाउस गैसों का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.जापानी एसी निर्माता कंपनी डाइकिन के भारत प्रमुख केजे जावा कहते हैं, "भारत में एसी की पहुंच मुख्य रूप से मौसम की स्थिति, बढ़ते मिडिल क्लास और ग्राहकों के अनुकूल फाइनेंस की सुविधा और बड़े पैमाने पर बिजली पहुंचने से प्रेरित है" उन्होंने कहा, "आज, एसी को सुख सुविधा का साधन नहीं माना जाता, बल्कि इसे उत्पादकता और निवेश की जरूरत माना जाता है, क्योंकि रात में अच्छी नींद हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है"किश्तों में खरीदारीआरती ने एसी खरीदने के लिए 13,000 रुपये का डाउन पेमेंट किया, जबकि बाकी के पैसे वह हर महीने एक तय ईएमआई के तहत अदा करेंगी. वह कहती हैं, "मैं उस पैसे से सोना खरीद सकती थी जो एक अच्छा निवेश होता लेकिन मैंने एसी को प्राथमिकता दी"भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 1901 में विस्तृत रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से 2024 भारत का सबसे गर्म साल रहा.पिछले साल दिल्ली में लू चलने के दौरान तापमान 49.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2012 से 2021 के बीच भारत में लू लगने के कारण लगभग 11,000 लोगों की मौत हुई है.पर्यावरण को गर्म करता एसी एसी यूनिट के अंदर रेफ्रिजरेंट और उन्हें चलाने वाली कोयले से पैदा बिजली ग्लोबल वार्मिंग को और बढ़ाते हैं.एसी का व्यापक इस्तेमाल घर के अंदर की गर्मी को बाहर निकालकर बाहर का तापमान भी बढ़ाता है.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूएन-हैबिटेट के रिसर्चों से पता चलता है कि एसी के अंदर गर्मी पैदा करने वाली मोटर खुद शहरी क्षेत्रों में तापमान को एक डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बढ़ा सकती हैं.एसी खरीदने से पहले आरती एयर कूलर के भरोसे थी.लेकिन कूलर में पानी भरना एक झंझट भरा काम है, कूलर में ज्यादा दिनों तक पानी रहने से मच्छर पैदा होने का भी खतरा रहता है. इसके अलावा उतनी राहत भी नहीं मिल पाती.पुरानी दिल्ली के इंपीरियल रेफ्रिजरेशन में दोपहर की गर्मी के बावजूद एसी के ग्राहकों की लगातार भीड़ लगी रहती है.इस दुकान के मालिक जपसाहिब सिंह आहूजा कहते हैं कि पिछले पांच वर्षों में बिक्री तीन गुनी से भी अधिक हो गई है, जिसका श्रेय पहली बार के ग्राहक और एसी दोबारा खरीदने वालों को जाता है.उनका परिवार पिछले 50 साल यह कारोबार चला रहा है.उन्होंने कहा, "इन दिनों एसी लंबे समय तक नहीं चलते, क्योंकि दिल्ली की हवा में बहुत अधिक प्रदूषक हैं, जिससे उपकरणों में जंग लग जाती है और गैस लीक हो जाती है"संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के कूल कॉएलिशन के मुताबिक 2050 तक भारत के उत्सर्जन में एयर कंडीशनिंग का योगदान एक चौथाई होगा और देश भर में बिजली की अधिकतम मांग का लगभग आधा हिस्सा एयर कंडीशनिंग के कारण होगा.लेकिन भारत ने अब तक इस क्षेत्र के जलवायु प्रभाव को कम करने के लिए कॉएलिशन की ग्लोबल कूलिंग प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है.आहूजा के मुताबिक लोग ऊर्जा बचाने वाले एसी खरीद रहे हैं.ऊर्जा बचत करने वाले इन्वर्टर एसी अब बाजार पर हावी हैं और कंपनियां 24 डिग्री सेल्सियस का डिफॉल्ट तापमान पहले से ही सेट करके एसी बेच रही हैं.

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