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तेज प्रगति महज कच्चा माल के निर्यात से संभव नहीं, पीएम मोदी ने आज के भारत का मंत्र भी बताया

  • पीएम मोदी ने कहा, ‘इतिहास साक्षी है कि जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की एक बड़ी हिस्सेदारी थी तब पूर्वी भारत का एक बड़ा योगदान था। पूर्वी भारत में देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब थे, पोर्ट थे, ट्रेड हब थे।’

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 28 Jan 2025 12:59 PM
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तेज प्रगति महज कच्चा माल के निर्यात से संभव नहीं, पीएम मोदी ने आज के भारत का मंत्र भी बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा' प्रदर्शनी का मंगलवार को भुवनेश्वर में उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, 'मुझे बताया गया है कि ये ओडिशा में अब तक की सबसे बड़ी बिजनेस समिट है। पहले की मुकाबले 5-6 गुणा ज्यादा निवेशक इस बिजनेस समिट में हिस्सा ले रहे हैं। मैं इसके लिए ओडिशा सरकार और ओडिशा के लोगों को बहुत बधाई देता हूं।' उन्होंने कहा कि मैं पूर्वी भारत को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं और ओडिशा की इसमें एक बड़ी भूमिका है।

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पीएम मोदी ने कहा, 'इतिहास साक्षी है कि जब ग्लोबल ग्रोथ में भारत की एक बड़ी हिस्सेदारी थी तब पूर्वी भारत का एक बड़ा योगदान था। पूर्वी भारत में देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब थे, पोर्ट थे, ट्रेड हब थे। ओडिशा की इसमें बड़ी हिस्सेदारी भी थी। ओडिशा साउथ ईस्ट एशिया में होने वाले ट्रेड का प्रमुख केंद्र हुआ करता था।' उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के दो बड़े स्तंभ हैं। हमारा इनोवेटिव सर्विस सेक्टर और भारत के क्वालिटी प्रोडक्ट्स। देश की तेज प्रगति केवल कच्चा माल के निर्यात से संभव नहीं है। इसलिए हम पूरे इको सिस्टम को बदल रहे हैं। नए विजन के साथ काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने आज के भारत का क्या बताया मंत्र

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत का फोकस है- Wed in India. आज भारत का मंत्र है- Heal in India. इसके लिए ओडिशा का नेचर, यहां की प्राकृतिक सुंदरता बहुत मददगार है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों के बीच मेरा आपसे कुछ आग्रह भी है। तेजी से बदलती दुनिया में आप ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ी चुनौतियों को देख रहे हैं। उन्होंने कहा, 'भारत बिखरी हुई सप्लाई चेन और आयात आधारित सप्लाई चेन पर ज्यादा भरोसा नहीं कर सकता। हमें भारत में भी एक सशक्त सप्लाई चेन बनानी है जिस पर वैश्विक उतार चढ़ाव का कम से कम असर पड़े। ये सरकार के साथ साथ इंडस्ट्री का भी बहुत बड़ा दायित्व है। इसलिए आप जिस भी क्षेत्र में हैं, उस से जुड़े MSMEs को सहायता करें।'

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