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पहलगाम पर पाकिस्तान का 'निष्पक्ष जांच' पुराना ड्रामा, कब-कब नकारे भारत के पक्के सबूत

भारत में आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का पुराना रिकॉर्ड गंभीर सवाल उठाता है। भारत ने अतीत में कई बार पक्के सबूत सौंपे, लेकिन पाकिस्तान ने कभी इन्हें नहीं माना। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने ‘निष्पक्ष जांच’ वाला ड्रामा करना शुरू कर दिया है।

Gaurav Kala नई दिल्ली, हिन्दुस्तान टाइम्सSun, 27 April 2025 10:56 AM
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पहलगाम पर पाकिस्तान का 'निष्पक्ष जांच' पुराना ड्रामा, कब-कब नकारे भारत के पक्के सबूत

पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के सख्त ऐक्शन से शहबाज सरकार की नींद उड़ी हुई है। शहजाब शरीफ ने हमले के पीछे पाकिस्तान की संलिप्तता से सीधे इनकार कर दिया है। शहबाज ने शनिवार को देश के नाम संबोधन में दावा किया कि वे किसी भी जांच को तैयार हैं। पाकिस्तान की निष्पक्ष जांच का ड्रामा नया नहीं है, इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान इस तरह के कुकृत्यों के बाद जांच का राग अलाप चुका है।

भारत में आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का पुराना रिकॉर्ड गंभीर सवाल उठाता है। भारत ने अतीत में कई बार पक्के सबूत, डीएनए रिपोर्ट, गवाहों के बयान और जांच दस्तावेज पाकिस्तान को सौंपे, मगर हर बार पाकिस्तान ने या तो टालमटोल की या फिर जांच को नकार दिया।

पाकिस्तान के 'जांच में सहयोग' के दावों का इतिहास भरोसेमंद नहीं रहा है। भारत की ओर से बार-बार पेश किए गए सबूतों को या तो नजरअंदाज किया गया या जानबूझकर कार्रवाई टाली गई। आइए देखते हैं चार बड़े मामलों में पाकिस्तान ने कैसे सबूतों को नजरअंदाज किया:

मुंबई आतंकी हमला

भारत ने मुंबई आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और अन्य साजिशकर्ताओं के खिलाफ पुख्ता डोजियर पाकिस्तान को सौंपे। पाकिस्तानी न्यायिक पैनल ने भारत का दौरा भी किया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में खुला घूम रहा है।

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पठानकोट एयरबेस हमला

पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम को एयरबेस का दौरा करवाया। वादा किया गया था कि भारतीय एनआईए टीम भी पाकिस्तान जाकर जांच करेगी, लेकिन इस वादे को तोड़ते हुए पाकिस्तान ने कोई सहयोग नहीं किया और सबूतों पर चुप्पी साध ली।

उरी हमला

भारत ने डीएनए सैंपल और अन्य फॉरेंसिक सबूतों के साथ लेटर रोगेटरी भेजा, लेकिन पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की और जांच को अटका दिया।

पुलवामा हमला

एनआईए ने विस्तृत जांच रिपोर्ट और अभियुक्तों की जानकारी पाकिस्तान को भेजी। बावजूद इसके, पाकिस्तान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और उल्टा खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताने की कोशिश की।

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