चाहे जो कीजिए, हर हाल में वक्फ बिल रोकिए; मुस्लिम संगठन ने किससे लगाई आखिरी गुहार
AIMPLB ने सेक्युलर दलों के सांसदों से किसी भी हाल में इस बिल के पक्ष में मतदान नहीं करने का आग्रह किया है। बोर्ड की तरफ से इस बारे में एक बयान जारी कर सांसदों से ऐसी गुहार लगाई गई है

लंबे समय से चर्चा में रहा वक्फ संशोधन बिल बुधवार को लोकसभा में पेश होने जा रहा है। सरकार इसके पारित होने को लेकर आश्वस्त है। जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों ने बिल का समर्थन करने का ऐलान किया है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी दलों, खासकर वैसे दल जो खुद को सेक्युलर यानी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल कहते हैं, से और उनके सांसदों से अपील की है कि वे वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करें और उसे लोकसभा से पास होने नहीं दें।
AIMPLB ने सेक्युलर दलों के सांसदों से किसी भी हाल में इस बिल के पक्ष में मतदान नहीं करने का आग्रह किया है। बोर्ड की तरफ से इस बारे में एक बयान जारी कर सांसदों से ऐसी गुहार लगाई गई है। पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान में कहा है, “ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भाजपा के सहयोगी दलों और सांसदों समेत सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करें और किसी भी परिस्थिति में इसके पक्ष में मतदान न करें।”
बयान में क्या कहा गया है?
बयान में कहा गया है, ‘‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने सभी धर्मनिरपेक्ष दलों और सांसदों से अपील की है कि वे कल संसद में पेश होने वाले वक्फ संशोधन विधेयक का न केवल कड़ा विरोध करें बल्कि भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को रोकने के लिए इसके खिलाफ वोट भी करें।’’बयान के अनुसार रहमानी ने आरोप लगाया है कि यह विधेयक न केवल भेदभावपूर्ण है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों के प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है।
AIMPLB को क्या डर?
उन्होंने आगे कहा कि इस विधेयक के माध्यम से भाजपा का उद्देश्य वक्फ कानूनों को कमजोर करना और वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने का मार्ग प्रशस्त करना है। बोर्ड के बयान में कहा गया है कि पूजा स्थल अधिनियम के अस्तित्व में होने के बावजूद, हर मस्जिद में मंदिर की खोज का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। इसमें कहा गया है, "अगर यह संशोधन विधेयक पारित हो जाता है, तो वक्फ संपत्तियों पर अवैध सरकारी और गैर-सरकारी दावों में वृद्धि होगी, जिससे कलेक्टरों और जिला मजिस्ट्रेटों के लिए उन्हें जब्त करना आसान हो जाएगा।"