तमिलनाडु में अंडे से बनी मेयोनीज को किया बैन, क्यों लिया गया ऐसा फैसला
तमिलनाडु सरकार ने कच्चे अंडे से बनी मेयोनीज को हाई रिस्क फूड करार देते हुए कहा है कि इससे फूड पॉइजनिंग का खतरा काफी बढ़ जाता है।

तमिलनाडु सरकार ने जनता की सेहत को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है। राज्य में अब कच्चे अंडों से बनी मेयोनीज के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर एक साल के लिए रोक लगा दी गई है। सरकार ने इस खाद्य उत्पाद को हाई रिस्क फूड करार देते हुए कहा है कि इससे फूड पॉइजनिंग का खतरा काफी बढ़ जाता है।
सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, मेयोनीज एक सेमी-सॉलिड इमल्शन होती है, जिसमें अंडे की जर्दी, वनस्पति तेल, सिरका और कुछ मसाले शामिल होते हैं। इसे अक्सर शावरमा जैसे फूड आइटम्स के साथ परोसा जाता है।
क्यों किया गया अंडे से बनी मेयोनीज को बैन
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार का कहना है कि इसे बनाने और स्टोर करने के दौरान उचित सावधानी नहीं बरती जा रही, जिसकी वजह से यह साल्मोनेला टायफीम्यूरियम, साल्मोनेला एंटेरिटिडिस, ई. कोलाई और लिस्टीरिया मोनोसाइटोजेन्स जैसे खतरनाक बैक्टीरिया से संक्रमित हो रहा है। इन बैक्टीरिया से दूषित खाना खाने पर लोगों को दस्त, उल्टी, बुखार जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए यह आदेश 8 अप्रैल से लागू कर दिया गया है।
इस बैन को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 की धारा 30(2)(ए) के तहत लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत खाद्य सुरक्षा आयुक्त को किसी खाद्य पदार्थ को एक साल के लिए बैन करने का अधिकार मिलता है अगर वो जनता की सेहत के लिए खतरनाक हो।
सरकार ने साफ किया है कि सभी फूड बिजनेस ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सुरक्षित, मानक और नियमों के अनुसार खाना तैयार करें। किसी भी असुरक्षित या मिलावटी चीज को बेचना कानूनन अपराध होगा।