7 दिन के अंदर लौटा दो लूटे हुए हथियार, इसके बाद खैर नहीं; मणिपुर राज्यपाल ने दिया अल्टीमेटम
- बता दें कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद 13 फरवरी को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।
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मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों को 7 दिनों के अंदर लूटे हुए हथियार वापस करने का अल्टीमेटम दिया है। इस दौरान भल्ला ने राज्य में पिछले 20 महीनों से जारी हिंसा और साम्प्रदायिक तनाव के मद्देनजर सभी समुदायों से शांति की अपील की है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से आग्रह किया है कि वे लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों और गोला-बारूद को निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षा बलों के शिविर में अगले सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से जमा कर दें। राज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि एक सप्ताह के अंदर हथियार लौटाने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन इसके बाद ऐसे हथियारों के कब्जे पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के अपने पद से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद 13 फरवरी को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। विधानसभा को भी निलंबित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मणिपुर विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है। मणिपुर में भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे सिंह ने करीब 21 महीने की जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
बीरेन सिंह ने नौ फरवरी को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ घंटे बाद इंफाल में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट भेजे जाने के बाद राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय लिया गया। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा करते हुए गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मानना है कि ‘‘ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसमें इस राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती।’’
मई 2023 में मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें इंफाल घाटी में बहुसंख्यक मेइती समुदाय और आसपास की पहाड़ियों में बसे कुकी-जो आदिवासी समूहों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। जातीय हिंसा के कारण अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। इस बीच, इंफाल में अधिकारियों ने आज बताया कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद प्रतिबंधित आतंकी समूहों की किसी भी हरकत से निपटने के लिए मणिपुर में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इंफाल घाटी के इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, जहां अरमबाई टेंगोल समूह के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हमले किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि असम राइफल्स और अन्य अर्धसैनिक बल इंफाल शहर में कानून-व्यवस्था की किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए फ्लैग मार्च करेंगे।
वहीं राज्यपाल भल्ला की बात करें तो उन्होंने 3 जनवरी 2025 को मणिपुर के 19वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह मणिपुर राजभवन में आयोजित किया गया था, जहां मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। भल्ला असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने अगस्त 2024 में केंद्रीय गृह सचिव के रूप में अपना पांच वर्षीय कार्यकाल पूरा किया था।
(इनपुट एजेंसी)