OTT पर अश्लील कंटेंट दिखाने वाले सावधान! नया कानून लाने की तैयारी में सरकार
- मीडिया कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए कुछ कानूनी प्रावधान पहले मौजूद हैं। मगर, अब इन्हें और ज्यादा सख्त बनाने की मांग उठी है। ऐसे में मंत्रालय मौजूदा कानूनी ढांचे की जांच कर रहा है और चिंताओं को दूर करने के लिए नया कानून लाने की तैयारी है।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील और हिंसक कंटेंट दिखाने को लेकर बहस गरमाई हुई है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई जा रही है। इस बीच, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सभी प्रकार के मीडिया से संबंधित मौजूदा कानूनों की समीक्षा शुरू कर दी है। संसद सदस्यों और राष्ट्रीय महिला आयोग जैसी संस्थाओं की ओर से यह मुद्दा उठाया गया। साथ ही, आम लोगों ने ऐसी सामग्री पर अपनी चिंता जताई। कई हाई कोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट में भी इस मसले पर चर्चा हो चुकी है। अब मंत्रालय ऐसे घटनाक्रमों पर काफी फोकस कर रहा है। मौजूदा वैधानिक प्रावधानों और नए कानूनी ढांचे की जरूरत बताई जा रही है।
वैसे तो मीडिया कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए कुछ कानूनी प्रावधान पहले मौजूद हैं। मगर, अब इन्हें और ज्यादा सख्त व प्रभावी बनाने की मांग उठी है। ऐसे में मंत्रालय मौजूदा कानूनी ढांचे की जांच कर रहा है और चिंताओं को दूर करने के लिए नया कानून लाने की तैयारी है। रिपोर्ट में बताया गया कि फिलहाल इस मामले को लेकर गहराई से विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके बाद एक नोट समिति के पास भेजा जाएगा। इससे पहले, केंद्र ने ओटीटी मंचों को कानून की ओर से निषिद्ध सामग्री प्रसारित करने से परहेज करने को कहा था। ओटीटी मंचों और स्व-नियामक संस्थाओं को गाइडलाइन भी जारी हुई थी।
'गाइडलाइ का कड़ाई से करें पालन'
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन कंटेंट पब्लिश करते समय आईटी नियम-2021 का सख्ती से पालन करने को कहा, जिसमें सामग्री के आयु-आधारित वर्गीकरण का कड़ाई से पालन करना भी शामिल है। मंत्रालय ने ओटीटी मंचों के स्व-नियामक संस्थाओं को आचार संहिता के उल्लंघन पर सक्रियता से उपयुक्त कार्रवाई करने को भी कहा। मंत्रालय ने कहा कि उसे कुछ ओटीटी और सोशल मीडिया मंचों की ओर से अश्लील सामग्री दिखाई जा रही है। इसे लेकर सांसदों और वैधानिक संगठनों से शिकायतें मिली हैं। साथ ही, जन शिकायतें भी आई हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए ही ताजा परामर्श जारी किया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)