गणतंत्र दिवस पर परेड करेगी सबसे बड़े मुस्लिम देश की सेना; हो सकती हैं कई डील
- पहली बार इंडोनेशिया की सेना के जवान भी गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे। वहीं इंडोनेशियाई राष्ट्रपति सुबियांतो का यह भारत दौरा बेहद अहम है। दोनों देशों में कई मुद्दों पर डील हो सकती है।
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दुनियाभर में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत में उपस्थित रहेंगे। सुबियांतो ने भारत के प्रस्ताव की वजह से ही पाकिस्तान का दौरा रद्द कर दिया था। पहली बार कर्तव्य पथ पर इंडोनेशिया की सेना की टुकड़ी भी मार्च करेगी। गौर करने वाली बात यह भी है कि पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर भी इंडनोशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे। अब तक तीन राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर मुख्य मेहमान के तौर पर मौजूद रह चुके हैं। वहीं उनका भारत दौरा इसलिए भी खास हैं क्योंकि ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र समेत कई मुद्दों पर डील होने की भी संभावना है।
हाल के सालों में भारत और इंडोनेशिया के बीच रणनीतिक संबंध काफी मजबूत हुए हैं। जी20 और इंडस-ऑस्ट्रेलिया-इंडनोशिया ग्रुप के जरिए भी दनों देशों के सहयोग में बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रपति के तौर पर यह प्रबोवो सुबियांतो को पहला भारत दौरा है। इससे पहले 2011 में सुसीलो बामबांग युधोयोना और 2018 में जोको विडोडो भी गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि रह चुके हैं।
इन मुद्दों पर रहेगा फोकस
अधिकारियों के मुताबिक सुबियांतो का यह भारत दौरा बेहद अहम है। फूड सिक्योरिटी, एनर्जी सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, रक्षा सहयोग को लेकर दोनों देशों के बीच कई समझौते हो सकते हैं। गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने से पहले सुबयांतो और पीएम मोदी की शनिवार को ही मुलाकात होगी। दोनों नेताओं में डिजिटल टेक्नॉलजी, स्वास्थ्य, सुरक्षा समेत की मुद्दों पर चर्चा हो सकीत है। वहीं कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हो सकते हैं।
इंडोनेशिया उन देशों में भी शामिल है जो कि भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहता है। जानकारों का कहना है कि ब्रह्मोस को लेकर दोनों देशों की बीच बातचीत चल रही है। इसके अलावा इंडोनेशिया को 1 लाख 60 हजार डॉक्टरों और नर्सों की जरूरत है जिसके लिए वह भारत से मदद चाहता है। इस बार इंडोनेशिया की सेना की 52 जवानों वाली टुकड़ी भी कर्तव्य पथ पर परेड करती हुई दिखेगी।
2018 में भी दोनों देशों के बीच की मुद्दों पर सहमझौते हुए थे। वहीं हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति को लेकर भी दोनों देश साथ आए थे। इंडोनेशिया भारत की ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी का भी हिस्सा है। एशिया में सबसे बड़े व्यापार सहगोयों में भी इंडोनेशिया का नाम शामिल है। 2023-24 में दोनों देशों में 29 अरब डॉलर से ज्यादा का व्यापार हुआ। वहीं भारत इडोनेशिया में विनिर्माण, ऊर्जा, कपड़ा, स्टील, ऑटोमोबाइल और खनन क्षेत्र में भी बड़ा निवेश कर रहा है। दोनों देशों ने 2018 में सैन्य अभ्यास को लेकर भी समझौते हुए थे। इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत इंडोनेशिया का बड़ा सहयोगी है।