Hindi Newsदेश न्यूज़india condemned destruction of Sheikh Mujibur Rahman historic residence advice to bangladesh government

शेख मुजीबुर रहमान के घर पर तोड़फोड़ बर्बरता, भारत की यूनुस सरकार को नसीहत

  • बांग्लादेश में शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर तोड़फोड़ और आगजनी मामले में भारत का बयान आया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बर्बर घटना की कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 6 Feb 2025 11:46 PM
share Share
Follow Us on
शेख मुजीबुर रहमान के घर पर तोड़फोड़ बर्बरता, भारत की यूनुस सरकार को नसीहत

भारत ने बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक आवास के विध्वंस की कड़ी निंदा की और कहा कि यह भवन बांग्लादेश की "राष्ट्रीय चेतना" और उसके स्वतंत्रता संग्राम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। बर्बरता की इस घटना की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। भारत का यह बयान तब सामने आया है, जब शेख हसीना के भाषण को लेकर बांग्लादेश ने भारतीय राजदूत को विरोध पत्र सौंपा।

ढाका के केंद्र में स्थित इस आवास पर अगस्त 1975 में रहमान समेत उनके परिवार के सात सदस्यों सहित हत्या कर दी गई थी। बीते दिन एक उग्र भीड़ ने क्रेन और बुलडोजर का उपयोग कर नष्ट कर दिया। ढाका की अंतरिम सरकार ने इस विध्वंस के लिए पूर्व प्रधानमंत्री और भारत में रह रहीं शेख हसीना को दोषी ठहराया और कहा कि उनके "उत्तेजक" और झूठे भाषण से लोग नाराज थे।

भारत का बयान

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, इस प्रकार की तोड़फोड़ की घटना की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, वे सभी जो बांग्लादेश की स्वतंत्रता संग्राम को महत्व देते हैं और बांग्ला पहचान और गौरव का सम्मान करते हैं, वे इस आवास के राष्ट्रीय चेतना में महत्व को भली-भांति समझते हैं।

भारत की यह निंदा तब सामने आई जब बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के कार्यवाहक राजदूत को एक कड़ा विरोध पत्र सौंपा, जिसमें हसीना के भारत में रहकर "भड़काऊ बयान" देने पर भारत सरकार से उचित कदम उठाने का अनुरोध किया गया था।

ये भी पढ़ें:बांग्लादेश से दुश्मनी... शेख हसीना के बयान पर भारत से बोली यूनुस सरकार

गौरतलब है कि जब शेख मुजीबुर रहमान ने 1971 की शुरुआत में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की स्वतंत्रता की घोषणा की थी। तब उन्हें भारत के नेतृत्व का मजबूत समर्थन मिला था। भारत ने बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों को सशस्त्र सहायता प्रदान की थी, जिससे दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ। पाकिस्तान सेना की हार के बाद बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना और रहमान देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बने।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब भारत-बांग्लादेश संबंध ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर हैं। भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को संभालने के तरीके की भी आलोचना की है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें