भगवान भी आ जाएं, बेंगलुरु को नहीं बदल सकते; डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने क्यों दिया ऐसा बयान
- बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या पर मीडिया से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कहा कि भगवान भी धरती पर आ जाएं, तो यह समस्या हल नहीं हो सकती।
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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु की तेजी से बढ़ती शहरीकरण की समस्याओं को स्वीकार करते हुए कहा कि हालात इतने गंभीर हैं कि भगवान भी आ जाएं तो अगले 2-3 साल में कोई बड़ा बदलाव संभव नहीं है।
एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में शिवकुमार ने कहा, "मैं मीडिया के दोस्तों को बताना चाहता हूं कि अगर खुद भगवान भी स्वर्ग से उतरकर बेंगलुरु की सड़कों पर चलें, तब भी हालात एक, दो या तीन साल में नहीं बदल सकते।"
डीके शिवकुमार ने कहा कि शहर की स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है और इसके लिए सही योजना और प्रभावी कार्यान्वयन की जरूरत है। सरकार भविष्य के लिए एक बेहतर कॉरिडोर विकसित करने के प्रयास में जुटी है।
विपक्ष ने कांग्रेस सरकार को बताया अभिशाप
शिवकुमार के इस बयान के बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए X पर लिखा, "पहले तो कांग्रेस सरकार ने माना कि उसके पास विकास कार्यों के लिए पैसे नहीं हैं और अब अंशकालिक बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार कह रहे हैं कि अगले 2-3 साल तक शहर में कोई बदलाव संभव नहीं है।" उन्होंने कांग्रेस सरकार को कर्नाटक और बेंगलुरु के लिए ‘अभिशाप’ करार दिया और कहा कि लोग इस नाकाम सरकार को हटाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
बढ़ती आबादी से बिगड़ते हालात
बेंगलुरु की आबादी बीते 20 सालों में 70 लाख से बढ़कर 1.4 करोड़ हो गई है, जिससे शहर के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव पड़ा है। एक प्रमुख आईटी और शिक्षा केंद्र होने के कारण बेंगलुरु वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, लेकिन ट्रैफिक जाम, पानी की कमी और कचरा प्रबंधन जैसी समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। दिल्ली और बेंगलुरु की यातायात समस्या की तुलना करते हुए शिवकुमार ने कहा, "मैं हाल ही में दिल्ली गया था और वहां की ट्रैफिक हालत बेंगलुरु से बेहतर नहीं है।"
लंबी प्लानिंग की जरूरत
शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु की बढ़ती समस्याओं से निपटने के लिए एक व्यापक और दीर्घकालिक योजना जरूरी है। उन्होंने सुनियोजित रणनीति और प्रभावी क्रियान्वयन पर ज़ोर देते हुए कहा कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेंगलुरु को एक बेहतर शहर बनाना ही सरकार की प्राथमिकता है।