Hindi Newsदेश न्यूज़Election Commission sources reply to Rahul Gandhi allegations Maharashtra Assembly Poll

‘दो घंटे में 65 लाख क्या, 116 लाख वोट पड़ जाते’, राहुल गांधी के आरोप का चुनाव आयोग ने दिया जवाब

  • चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, ‘किसी भी व्यक्ति की ओर से गलत सूचना फैलाना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है। यह उन हजारों प्रतिनिधियों को भी बदनाम करता है जो अपनी राजनीतिक पार्टी से नियुक्त किए जाते हैं।’

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 04:39 PM
share Share
Follow Us on
‘दो घंटे में 65 लाख क्या, 116 लाख वोट पड़ जाते’, राहुल गांधी के आरोप का चुनाव आयोग ने दिया जवाब

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर उठाए सवालों का इलेक्शन कमीशन ने जवाब दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने ईसीआई सूत्रों के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया, 'महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 6,40,87,588 मतदाताओं ने सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान केंद्रों पर पहुंचकर वोट डाला। औसतन प्रति घंटे लगभग 58 लाख वोट पड़े। इस एवरेज ट्रेंड के अनुसार, आखिरी दो घंटों में करीब 116 लाख मतदाता वोट डाले जा सकते थे। इसलिए, दो घंटों में 65 लाख मतदाताओं की ओर से वोट डालना औसत प्रति घंटे के वोटिंग ट्रेंड से काफी कम है।

राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए भारत की चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग की सरकार के साथ मिलीभगत है। उन्होंने अमेरिका के बोस्टन में दावा किया कि भारत की चुनावी प्रणाली में कुछ न कुछ गड़बड़ है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि सरल शब्दों में कहें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। उन्होंने कहा, ‘निर्वाचन आयोग ने हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए और शाम 5:30 बजे से 7:30 बजे के बीच 65 लाख मतदाताओं ने मतदान कर दिया।’

ये भी पढ़ें:राहुल गांधी पर जमकर बरसे उत्तराखंड BJP प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कहीं ये बाते
ये भी पढ़ें:मैच्योर कब होंगे;विदेश में EC पर उठाया सवाल,एमपी के मंत्री ने राहुल को सुना डाला

कांग्रेस नेता ने कहा कि इतने समय में इतने अधिक लोगों का मतदान केंद्र तक पहुंच कर वोट डालना संभव नहीं है। उनके मुताबिक, एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर हिसाब लगाएं तो इसका मतलब है कि मतदाताओं की कतारें देर रात 2 बजे तक लगी रही होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राहुल गांधी ने कहा, ‘जब हमने उनसे वीडियोग्राफी के लिए कहा, तो उन्होंने न केवल इनकार कर दिया, बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया ताकि अब हमें वीडियोग्राफी के लिए कहने की अनुमति न मिले।’

पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग के सूत्रों ने इस आरोपों पर कहा, 'किसी भी व्यक्ति की ओर से गलत सूचना फैलाना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है। यह उन हजारों प्रतिनिधियों को भी बदनाम करता है जो अपनी राजनीतिक पार्टी से नियुक्त किए जाते हैं। ऐसे बयान लाखों चुनाव कर्मचारियों का मनोबल तोड़ते हैं जो चुनाव के दौरान अथक और पारदर्शी रूप से काम करते हैं। मतदाताओं के किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर कि चुनाव आयोग से समझौता किया गया है, उसे बदनाम करने की कोशिश पूरी तरह से बेतुकी है।'

सूत्रों ने कहा कि भारत में मतदाता सूची को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार किया जाता है। कानून के अनुसार, चुनाव से ठीक पहले या हर साल एक बार वोटिंग लिस्ट में संशोधन किया जाता है। मतदाता सूची की अंतिम कॉपी सभी राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों (जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी शामिल है) को सौंपी जाती है।

उन्होंने बताया, 'देश में सभी चुनाव कानून के अनुसार कराए जाते हैं। भारत में जिस पैमाने और सटीकता के साथ चुनाव आयोजित किए जाते हैं, उसकी विश्व भर में प्रशंसा होती है। पूरा राष्ट्र यह जानता है कि मतदाता सूची की तैयारी, मतदान और मतगणना सहित प्रत्येक चुनाव प्रक्रिया सरकारी कर्मचारियों की ओर से आयोजित की जाती है। यह राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों की ओर से नियुक्त अधिकृत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में होता है और मतदान केंद्र से लेकर निर्वाचन क्षेत्र स्तर तक इसका पालन किया जाता है।'

अगला लेखऐप पर पढ़ें