भूकंप से फिर कांपी धरती; कोलकाता में सुबह-सुबह महसूस किए गए झटके, 5.1 रही तीव्रता
- नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, मंगलवार की सुबह रिक्टर पैमाने पर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र बंगाल की खाड़ी में था। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए।
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भूकंप के झटके से एक बार फिर धरती कांपी। ओडिशा से लेकर पश्चिम बंगाल तक झटके महसूस किए गए। ओडिशा के पुरी के पास मंगलवार की सुबह भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 5.1 मापी गई। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर बंगाल की खाड़ी में 91 किलोमीटर की गहराई पर आया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने कहा कि भूकंप का झटका 19.52 उत्तरी अक्षांश और 88.55 पूर्वी देशांतर पर दर्ज किया गया।
ओडिशा राजस्व विभाग के सीनियर अधिकारी ने बताया कि भूकंप से अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि भूकंप का प्रभाव ‘ना के बराबर’ था, क्योंकि इसका केंद्र बंगाल की खाड़ी में था। उन्होंने बताया कि भूकंप का झटका ओडिशा के पारादीप, पुरी, बरहामपुर और कुछ अन्य स्थानों पर महसूस किया गया। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए।
इससे पहले, रविवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि जिले के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर आया और इसकी तीव्रता 3.7 थी। इसका केंद्र मंडी क्षेत्र में 31.48 डिग्री अक्षांश और 76.95 डिग्री देशांतर पर था। सुंदरनगर क्षेत्र में किआर्गी के पास भूकंप 7 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। मंडी जिला भूकंपीय क्षेत्र 5 में आता है, जो कि उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है।
17 फरवरी को दिल्ली में आया था तेज भूकंप
राष्ट्रीय राजधानी में 17 फरवरी की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में 5 किलोमीटर की गहराई में था और वहां कुछ लोगों को भूकंप के बाद तेज आवाजें सुनीं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक ओपी मिश्रा ने कहा कि धौला कुआं क्षेत्र में 2007 में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था। हालांकि, इसका प्रभाव उतना तीव्र नहीं था क्योंकि केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र-4 में रखा गया है, जो देश में दूसरा सबसे खतरे वाला क्षेत्र है। उत्तर भारत में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सबसे अधिक भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप संभावित दूरस्थ और निकटस्थ स्थानों में भूकंप आने पर भी दिल्ली में झटके महसूस किए जाते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)