डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाया 'रेसिप्रोकल टैरिफ', कितना होगा नुकसान; GTRI ने बताया
- Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत तमाम व्यापारिक साझेदारों के ऊपर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अमेरिका व्यापारिक घाटा कम करने के लिए किसी बी देश के ऊपर टैरिफ लगाने से पीछे नहीं हटेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यापारिक साझेदारों के ऊपर जवाबी शुल्क लगाने का फैसला किया है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के समय भारत के ऊपर भी यह रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हुआ है। ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ मीडिया से बातचीत करते हुए अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हम भारत ही नहीं बल्कि सभी देशों के ऊपर यह टैरिफ लगा रहे हैं। हालांकि अमेरिकी सरकार के इस कदम से भारत को अधिक नुकसान होने के आसार नहीं हैं, क्योंकि भारत और अमेरिका के निर्यात खाके में काफी अंतर है।
आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रे रिसर्च एनिशिएटिव (GTRI) ने भारत और अमेरिका के बीच हुए इस नए बदलाव पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारतीय पिस्ता के ऊपर 50 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगा रहा है, इससे भारत को ज्यादा नुकसान नहीं है क्योंकि भारत पिस्ता का निर्यात ही नहीं करता है। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों देशों द्वारा निर्यात की गई वस्तुओं को अगर आप देखते हैं तो भारत पर इस शुल्क का कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
वाशिंगटन में पीएम मोदी के साथ चर्चा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि भारत व्यापार घाटे को कम करने के लिए अमेरिका से अधिक तेल, गैस तथा सैन्य उपकरण खरीदेगा, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत पर जवाबी शुल्क लगाने से अमेरिका कोई परहेज नहीं करेगा। व्यापार समझौते के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक इसका ब्यौरा स्पष्ट नहीं है लेकिन यह जवाबी शुल्क पर एक सीमित समझौता हो सकता है, जिसकी घोषणा अप्रैल में होने की उम्मीद है।
अजय ने कहा कि अमेरिका पहले ही इस्पात और एल्यूमिनियम पर 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान कर चुका है ऐसे में यह उसकी जवाबी कार्रवाई से अलग होगा। इसके अलावा अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह रेसिप्रोकल टैरिफ विशिष्ट वस्तुओं पर लागू होगा या फिर पूरे क्षेत्र पर.. दोनों ही परिस्थितियों में अलग-अलग संभावना बनेगीं।
अप्रैल- नवंबर 24-25 के दौरान अमेरिका और भारत के बीच में करीब 82.52 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था। अमेरिका उन चुनिंदा देशों में है जिनसे द्विपक्षीय व्यापार के द्वारा भारत को लाभ होता है। 23-24 के समय भारत और अमेरिका के बीच में 119.71 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें भारत ने 77.51 अरब डॉलर का निर्यात किया था तो वहीं 42.19 अरब डॉलर का आयात किया था। इसके माध्यम से भारत को 35.31 अरब डॉलर का व्यापारिक लाभ मिला था।
ट्रंप भारत और अमेरिका के बीच के इसी अंतर को कम करना चाहते हैं। इसलिए वह भारत को सैन्य उपकरण, तेल, गैस जैसे माध्यम उपलब्ध करा रहे हैं। ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ अपने भाषण में कहा कि हम चाहते हैं कि अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़ा ऊर्जा निर्यातक देश बने।