डियर लोकल पाब्लो एस्कोबार..; करोड़ों की अफीम नष्ट करके CM हिमंत का तस्करों को संदेश
- CM Himanta: असम पुलिस ने करोडों रुपयों की अफीम की फसल को बर्बाद कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए तस्करों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगली बार अगर ऐसा कुछ करने का मन हो तो असम पुलिस के बारे में सोच लेना।
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असम के गोलपारा जिले में पुलिस ने करीब 27 करोड़ की लागत की अफीम की फसल को बर्बाद कर दिया है। इस मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जानकारी देते हुए बताया कि असम पुलिस ने गोलपारा जिले में करीब 56 एकड़ में खड़ी पोस्ता की फसल को बर्बाद कर दिया है। पड़ोसी राज्य मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी इसके लिए असम सीएम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई में साथ हैं।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएम सरमा ने लिखा,"डियर लोकल पाब्लो एस्कोबार्स, आपकी योजनाबद्ध उड़ता असम पार्टी को खराब करने के लिए माफी मांगता हूं। गोलपारा पुलिस ने जनवरी में चार इलाकों में 27.20 करोड़ रुपए की 170 बीघा में खड़ी अफीम फसल को नष्ट कर दिया है। तो अगली बार जब भी आप ड्रग्स को उपजाने के बारे में सोचे तो पहले असम पुलिस का ख्याल कर लें।सीएम ने इसके साथ ही एक वीडियो भी अपलोड किया, जिसमें असम पुलिस के जवान बड़ी संख्या में एक अफीम के खेत में ट्रैक्टर के जरिए फसल को नष्ट कर रहे हैं।
मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह ने सरमा के पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि दोनों राज्य ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई में एक साथ खड़े हुए हैं। उन्होंने लिखा," अफीम की खेती से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए असम सीएम के नेतृत्व के निर्णय को मेरी सराहना। इस परेशानी से निपटने के लिए हम एकसाथ खड़े हुए हैं। हम एक ऐसे भविष्य का निर्माण के लिए दृढ़ हैं जहां पर हर युवा नशे से मुक्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंग्नौपाल के खुदेई खुल्लन पहाड़ी में 25 एकड़ की अफीम की फसल को नष्ट कर दिया गया है।
मणिपुर में पिछले कुछ समय से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच में लगातार लगातार जातीय हिंसा जारी है। दोनों समुदाय भूमि अधिकार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व जैसे कई मुद्दों पर लगातार एक दूसरे के खिलाफ हिंसा फैला रहे हैं।
कुकी जनजाति की तरफ से सीएम बीरेन सिंह की सरकार पर आरोप है कि उन्होंने पहाड़ियों में गरीब किसानों को निशाना बनाया है। लेकिन उन्होंन मैतेई प्रभुत्व वाले घाटी क्षेत्रों में रहने वाले ड्रग्स माफिया के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की। मणिपुर सरकार ने आरोपों का खंडन किया है और डेटा साझा करते हुए दावा किया है कि राज्य के 'ड्रग्स के खिलाफ युद्ध' अभियान में किसी भी समुदाय को शामिल नहीं किया गया है।