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कश्मीर में आतंकी घुसकर करते थे बम धमाके, बोलने में डरती थी तब की सरकार: राज्यसभा में अमित शाह

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई। आतंकी घटनाएं भी तेजी से कम हुई हैं।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 21 March 2025 04:50 PM
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कश्मीर में आतंकी घुसकर करते थे बम धमाके, बोलने में डरती थी तब की सरकार: राज्यसभा में अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर पहले की केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था, जनाजों का जुलूस निकाला जाता था। हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए और ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाने का जुलूस नहीं निकाला गया। जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है। अमित शाह ने कहा कि पहले कश्मीर में आए दिन पड़ोसी देश से आतंकी घुसकर बम धमाके किया करते थे। एक भी त्योहार ऐसा नहीं था, जोकि चिंता के बगैर जाता था। लेकिन तब केंद्र सरकार का रवैया लचीला होता था, बोलने में डर लगता था। वोट बैंक का डर था। लेकिन पीएम मोदी के आने के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।

संसद में गृह मंत्री ने आगे कहा, ''आपके (यूपीए) शासन में जम्मू-कश्मीर में 33 साल से सिनेमाघर नहीं खुले थे, हमारे समय में खुले। ताजिया के जुलूस को अनुमति नहीं थी, हमारे समय में दी गई। जी-20 के दौरान दुनियाभर के राजदूतों ने शांति से जम्मू कश्मीर में वहां के खाने, संस्कृति, खूबसूरती का आनंद उठाया।'' शाह ने एक बार फिर से साफ किया कि एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं होंगे। अनुच्छेद-370 को हटा कर मोदी सरकार ने संविधान निर्माताओं के 'एक संविधान, एक ध्वज' सपने को पूरा किया। उन्होंने कहा, ''कैसे हो सकते हैं। देश में एक ही प्रधानमंत्री हो सकता है, एक ही विधान और देश का ​झंडा भी एक ही हो सकता है, लेकिन चलाए गए, वर्षों तक चलाए गए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। इजरायल और अमेरिका। इन दोनों देशों की लिस्ट में महान भारत का नाम पीएम मोदी ने जोड़ा और वहीं से शुरू हुई आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और वामपंथी उग्रवाद तीन नासूर थे जो देश के विकास को बाधित कर रहे थे; इन वजहों से 92,000 लोगों की मौत हो गई।

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शाह ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई। आतंकी घटनाएं भी तेजी से कम हुई हैं। इसके अलावा आकर्षक औद्योगिक नीति के कारण, जम्मू कश्मीर में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, 1.1 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। अमित शाह ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने उरी और पुलवामा हमलों का 10 दिन के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक तथा हवाई हमलों से पाकिस्तान को जवाब दिया। वहीं, उन्होंने बताया कि वामपंथी उग्रवाद 31 मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएगा।

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