2 हजार भारतीय रोज लगा रहे हजारों लोगों को चूना, कैसे बुना गया ठगी का यह जाल
- म्यांमार और थाईलैंड की सीमा पर बसा म्यावड्डी अब साइबर ठगी के सबसे खतरनाक गढ़ों में शुमार हो चुका है। इस इलाके में धोखे से नौकरी के नाम पर नौजवानों को बुलाया गया और फिर जबरन ऑनलाइन फ्रॉड करवाया जा रहा है।
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दुनिया में भारतीय युवा की पहचान उसकी मेहनत, हुनर और तेज दिमाग से होती है लेकिन अब हजारों नौजवान एक ऐसे दलदल में फंस चुके हैं, जहां उनका दिमाग साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहा है। म्यांमार और थाईलैंड की सीमा पर बसे म्यावड्डी में करीब 2 हजार भारतीय साइबर ठगी के अड्डों में फंसे हैं। इनकी दशा कुछ मजबूरी में तो कुछ लालच की वजह से ऐसी हुए। जो कभी बेहतर नौकरी के सपने लेकर विदेश गए थे वे अब ठग गिरोहों के हाथों मजबूर होकर ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार और थाईलैंड की सीमा पर बसा म्यावड्डी अब साइबर ठगी के सबसे खतरनाक गढ़ों में शुमार हो चुका है। इस इलाके में धोखे से नौकरी के नाम पर नौजवानों को बुलाया गया और फिर जबरन ऑनलाइन फ्रॉड करवाया जा रहा है। ये लोग भारत और अमेरिका के नागरिकों को फर्जी कॉल्स और मैसेज भेजकर ठगी कर रहे हैं। कुछ पीड़ितों को छुड़ा लिया गया है, मगर भारतीय दूतावास का कहना है कि असली तस्वीर इससे कहीं ज्यादा भयानक हो सकती है।
मुश्किल है बचकर निकलना
हजारों युवाओं को सुनहरे भविष्य के सपने दिखाकर म्यावड्डी ले जाया गया, लेकिन असल में वहां उन्हें साइबर अपराध का हिस्सा बना दिया गया। कई लोगों को जबरदस्ती काम पर लगाया गया, तो कई पैसे के लालच में खुद ही इस दलदल में उतर गए। जो बचकर निकलना चाहते हैं, उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है। म्यावड्डी पर अलग-अलग मिलिशिया ग्रुप और अपराधी गिरोहों का कब्जा है, जो इन ठगी गैंग्स को सुरक्षा देते हैं। ऐसे में बच निकलना आसान नहीं है।
लगातार कोशिश कर रहा भारतीय दूतावास
भारतीय दूतावास लगातार कोशिश कर रहा है कि जिन लोगों ने मदद मांगी है, उन्हें निकाला जाए। हाल ही में तीन भारतीय किसी तरह भागकर यांगून पहुंचे, जहां से उन्हें भारत भेजने की तैयारी हो रही है। लेकिन म्यावड्डी की अराजकता इतनी ज्यादा है कि बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है।
2022 से अब तक 600 से ज्यादा भारतीयों को म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड से निकाला गया है। लेकिन समस्या यही नहीं खत्म होती। जो लोग खुद इस ठगी के खेल में शामिल हैं, वे अगर पकड़े गए, तो उन पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। भारतीय सरकार बार-बार चेतावनी दे रही है कि नौकरी के नाम पर विदेश जाने से पहले हर चीज की सही से जांच करें, वरना बाद में पछताना पड़ेगा।
थाईलैंड और चीन भी हरकत में
मामला बढ़ता देख थाईलैंड ने सख्त कदम उठाए हैं। उसने म्यावड्डी में चल रही इन अवैध ठगी कंपनियों की सप्लाई लाइनों को झटका देने के लिए बिजली, इंटरनेट और पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रोक दी है। चीन ने भी थाईलैंड से कहा है कि वह इन गिरोहों पर शिकंजा कसे, क्योंकि ये साइबर ठग वहां के नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं।