केंद्र के नियंत्रण में चली जाएगी सैफ अली खान की भोपाल प्रॉपर्टी? अबतक दाखिल नहीं की अपील; कैसे बन गई शत्रु संपत्ति
पटौदी खानदान के आखिरी नवाब और बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के परिवार की मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित 15,000 करोड़ की संपत्ति केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ सकती है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने संपत्ति पर 2015 में लगी रोक को हटा दिया है।
पटौदी खानदान के आखिरी नवाब और बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के परिवार की मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित 15,000 करोड़ की संपत्ति केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ सकती है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने संपत्ति पर 2015 में लगी रोक को हटा दिया है। जिसके बाद सरकार शत्रु संपत्ति के तौर पर इसे अपने अधिकार में ले सकती है। वहीं अब वकीलो का कहना है कि इसका भविष्य अधर में लटका हुआ है क्योंकि शत्रु संपत्ति संरक्षक कार्यालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यह संपत्ति सैफ को विरासत के तौर पर मिली है।
कैसे केंद्र के नियंत्रण में आ सकती है संपत्ति
वकीलों ने कहा कि अगर भोपाल नवाब के उत्तराधिकारियों द्वारा भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक कार्यालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर नहीं की जाती है, तो संपत्तियां केंद्र के नियंत्रण में आ सकती हैं। अभी तक यह साफ नहीं है कि उन्होंने इस मामले पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 13 दिसंबर, 2024 के आदेश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले मुंबई स्थित शत्रु संपत्ति संरक्षक कार्यालय में अपील दायर की है या नहीं।
शर्मिला टैगोर ने हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
सैफ अली खान की मां और मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर (पटौदी) और अन्य ने भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक के 24 फरवरी, 2015 के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें भोपाल नवाब की संपत्ति को 'शत्रु संपत्ति' बताया गया था। गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले प्राधिकरण ने इस आधार पर अपना फैसला सुनाया था कि नवाब मुहम्मद हमीदुल्ला खान की सबसे बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान बेगम विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं। इसलिए, ऐसी सभी संपत्तियां जो उन्हें विरासत में मिलनी थीं, शत्रु संपत्ति हैं और इन्हें भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक के हवाले किया जाना चाहिए।
भारत सरकार ने साजिदा सुल्तान को माना था वारिस
हालांकि, वरिष्ठ वकील और नवाब प्रॉपर्टीज के विलय (मर्जर) विशेषज्ञ जगदीश छावनी ने 10 जनवरी, 1962 के एक आदेश का हवाला देते हुए पीटीआई को बताया कि 1960 में हमीदुल्ला खान की मृत्यु के बाद भारत सरकार ने साजिदा सुल्तान बेगम को 'ऐसी शासक के रूप में मान्यता दी थी, जो नवाब हमीदुल्ला की सभी निजी संपत्तियों, चल और अचल, की एकमात्र उत्तराधिकारी हैं। और भारत सरकार को ऐसी संपत्तियों को साजिदा सुल्तान बेगम को हस्तांतरित करने पर कोई आपत्ति नहीं है।'
वकील ने कहा कि साजिदा सुल्तान बेगम नवाब हमीदुल्लाह की दूसरी बेटी हैं और जब उनकी बड़ी बेटी (आबिदा) पाकिस्तान चली गईं, तो साजिदा इन सभी संपत्तियों की मालिक बन गईं। बाद में साजिदा के बेटे मंसूर अली खान पटौदी (टाइगर पटौदी) इन संपत्तियों के उत्तराधिकारी बने। इसके बाद सैफ अली खान इन संपत्तियों के मालिक हैं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब 15,000 करोड़ रुपये है।
30 दिन के अंदर दाखिल करनी है अपील
वकील छावनी ने अगर सैफ अली खान के परिवार ने हाईकोर्ट के आदेश की तारीख से 30 दिनों की निर्धारित अवधि के दौरान अपील दायर नहीं की है, तो वे (सैफ परिवार) अभी भी अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं और हाल ही में हुई घटना (सैफ अली खान पर उनके मुंबई आवास में हुए हमले) सहित विभिन्न आकस्मिकताओं का हवाला देते हुए विस्तार का अनुरोध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब तक भ्रम बना रहेगा, तब तक संपत्तियों पर मालिक और किरायेदार के रूप में रहने वाले लाखों लोगों का भाग्य अधर में लटका रहेगा।
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