मौसम के उतार चढ़ाव से मवेशियों और पालतू जानवरों की खराब हो रही है तबियत
सिमडेगा में मौसम में बदलाव से दुधारू मवेशियों और पालतू पशुओं की तबियत खराब हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि मवेशी चारा खाना बंद कर रहे हैं, जिससे दूध उत्पादन में कमी आई है। पशुपालन विभाग ने टीकाकरण...

सिमडेगा, प्रतिनिधि। मौसम में बदलाव का असर मानव के साथ दुधारू मवेशियों और पालतू पशु में भी हो रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव की वजह से ग्रामीण इलाके में मवेशियों और पालतू जानवरों की तबियत खराब होने की सूचना है। दुधारू मवेशियों में गाय, भैंस और बकरी बीमार हो रहे हैं। पशु पालकों की मानें तो मवेशी चारा खाना बंद कर रहे हैं। इससे उनका शरीर कमजोर हो रहा है और दूध में कमी आ रही है। मवेशी के बीमार होने और दूध के उत्पादन में कमी से पशु पालक भी परेशान हैं। वैसे तो जिले के ग्रामीण इलाकों में पशु चिकित्सालय बनाया गया है। लेकिन अधिकतर पशु चिकित्सालय बंद रहते हैं। इस कारण ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पशु पालक सुभम यादव, कुणाल ग्वाला आदि ने कहा कि वे लोग बकरी अथवा मुर्गी के बीमार होने पर बाहर से दवा खरीदते हैं। इससे उन्हें पांच सौ से लेकर एक हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इधर पशुपालन विभाग की ओर से बीमारी से बचाव के लिए मवेशियों को टीका लगाया जा रहा है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अरुण कुमार ने बताया कि जिले में मवेशियों के बीमार होने की सूचना अबतक उन्हें नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जिले में मवेशियों को टीका लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 19 मई से सभी मवेशियों को टीका लगाने का कार्य शुरु हो जाएगा। मवेशियों में मुंह में होने वाले घाव से बचाने के लिए अगस्त माह से मवेशियों को टीका लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में पशु चिकित्सकों के कुल 21 पद रिक्त हैं। जबकि मात्र 10 पशु चिकित्सक पदस्थापित है।
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