19 से अधिक जलापूर्ति योजनाओं को यूएलबी में हस्तांतरण की प्रक्रिया तेज
रांची में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा 19 शहरी जलापूर्ति योजनाओं को शहरी स्थानीय निकायों में हस्तांतरित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। नगर विकास विभाग और पेयजल विभाग के बीच पत्राचार हुआ है। प्रमुख...

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा चल रही 19 शहरी जलापूर्ति योजनाओं को शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में हस्तांतरित करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। पेयजल विभाग ने पहले ही अपने अंतर्गत चल रही योजनाओं को लेने के लिए नगर विकास विभाग से पत्राचार किया है। बजट सत्र में उठे मुद्दे के बाद पेयजल विभाग की कोशिश है कि संबंधित विभाग इस दिशा में तेजी से कार्रवाई करे। पत्राचार के पहले ही 19 शहरी जलापूर्ति योजनाओं के अवयवों को दोनों विभाग के संयुक्त दल के द्वारा भौतिक निरीक्षण भी किया जा चुका है। बता दें कि वर्तमान में संबंधित योजनाओं का संचालन व रखरखाव, बिजली बिल का भुगतान पेयजल विभाग कर रहा है। वहीं, इन योजनाओं से होने वाले राजस्व का टैक्स के रूप में उठाव नगर विकास विभाग कर रहा है।
नगर विकास को हस्तांतरित की जानेवाली प्रमुख योजनाएं
- रांची जिला में हटिया, गोंदा और स्वर्णरेखा शहरी जलापूर्ति योजना। इन योजनाओं को रांची नगर निगम को हस्तांतरित किया जाना है।
- पूर्वी सिंहभूम की मानगो शहरी जलापूर्ति योजना। इसके संचालन का प्रस्ताव मानगो नगर निगम को देना प्रस्तावित है।
- गिरिडीह के सिहोडीह में जलापूर्ति योजना।
- धनबाद के जामाडोबा, सिंदरी, कतरास की शहरी जलापूर्ति योजना।
विधानसभा में उठा था मुद्दा
इससे पहले बीते मार्च में जब विधानसभा के अंदर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के बजटीय प्रावधान पर विस्तृत चर्चा हुई थी, तब पूर्व मंत्री सह पश्चिम सिंहभूम विधायक सरयू राय ने मानगो जलापूर्ति योजना का मुद्दा उठाया था। इसी कड़ी में 26 अप्रैल को सरयू राय की नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार के साथ बातचीत भी हुई है। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी है कि मानगो पेयजल परियोजना का हस्तांतरण जल्द ही पेयजल स्वच्छता विभाग से नगर विकास विभाग को हो जाएगा।
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